Bihar News: सिवान जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर 65 प्रकार की सरकारी सेवाएं उपलब्ध होने से ग्रामीणों को प्रखंड और जिला मुख्यालयों के चक्कर लगाने से राहत मिल गई है. राज्य सरकार के निर्देश के बाद अब पंचायतों में ही आरटीपीएस काउंटर के माध्यम से 65 प्रकार की सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं.
पहले 20 सेवाओं तक सीमित थी यह व्यवस्था
जानकारी के अनुसार पहले यह व्यवस्था मात्र 20 सेवाओं तक सीमित थी, लेकिन धीरे-धीरे अब इसका विस्तार हो गया है. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पंचायतों के आरटीपीएस काउंटर पर विभिन्न सेवाओं के लिए कुल एक लाख 54 हजार 323 आवेदन जमा हुए हैं. जिसमें से एक लाख 31 हजार 955 स्वीकृत और एक लाख 51 हजार 199 आवेदनों का निष्पादन हो चुका है.
सिवान जिले को आरटीपीएस में प्रथम स्थान
जबकि विभिन्न कारणों से 19 हजार 244 आवेदनों को अस्वीकृत किया गया है. यही वजह है कि आरटीपीएस से संबंधित मामलों के निष्पादन में जिले को राज्य स्तरीय रैंकिंग में प्रथम स्थान हासिल हुआ है.
आरटीपीएस से 65 प्रकार की सेवाएं उपलब्ध
जिला पंचायती राज विभाग कार्यालय के अनुसार, विगत वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में आरटीपीएस के माध्यम से जाति, आय और आवासीय प्रमाण पत्र जैसे सीमित प्रमाण पत्र ही उपलब्ध थे. जबकि अब इसका दायरा बढ़ाकर इसे नागरिक सुविधा केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रयास जारी है. इन आरटीपीएस केंद्रों पर ग्राम पंचायतों में राजस्व, शिक्षा, खाद्य आपूर्ति, सामाजिक सुरक्षा, श्रम, कृषि, मत्स्य एवं पशुपालन, पंचायती राज समेत अन्य विभागों से संबंधित कुल 65 प्रकार की सेवाएं उपलब्ध हो रहा हैं.
इन सेवाओं की सुविधा
बता दें कि इसमें जाति, आय, आवासीय प्रमाण पत्र, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, राशन कार्ड में नाम जुड़वाना या हटवाना, बीपीएल सूची में सुधार, वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, किसान सहायता योजना, खाद बीज सब्सिडी, छात्रवृत्ति के लिए आवेदन, म्यूटेशन, खेसरा-खतियान जैसे अन्य जरूरी दस्तावेज पंचायत स्तर पर ही जारी करने की व्यवस्था है.
बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें
शिक्षित कर्मियों की हो रही तैनाती
इस नई व्यवस्था में पंचायत सचिवालयों को इंटरनेट, कंप्यूटर प्रिंटर और आवश्यक तकनीकी संसाधनों से जोड़ने की प्रक्रिया जारी है. इन आरटीपीएस काउंटरों पर प्रशिक्षित कर्मियों की तैनाती हो रही है. यह कर्मी सभी सेवाओं के लिए आवेदन स्वीकार करेंगे और डिजिटल माध्यम से प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे. इससे ग्रामीणों को समय पर सुविधा मिल सकेगी.
इसे भी पढ़ें: बिहार में यहां बनेगा 17 किलोमीटर लंबा रिंग रोड, 17 सौ करोड़ की लागत से होगा निर्माण