सीवान. सोमवार को नगर परिषद क्षेत्र में स्वच्छता और कचरा प्रबंधन को मजबूत करने के उद्देश्य से लगभग 36 हजार होल्डिंगों से सफाई शुल्क की वसूली के लिए विशेष अभियान का विधिवत शुभारंभ किया गया. अब शहर के सभी आवासीय व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को यह शुल्क नगर परिषद को अनिवार्य रूप से भुगतान करना होगा. इस अभियान का शुभारंभ जिलाधिकारी विवेक रंजन मैत्रेय एवं नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी डॉ विपिन कुमार ने स्वयं शुल्क जमा कर किया. जिलाधिकारी एवं कार्यपालक पदाधिकारी ने स्वयं सफाई शुल्क जमा कर यह स्पष्ट संदेश दिया कि स्वच्छता की जिम्मेदारी केवल प्रशासन की नहीं, बल्कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति की साझा जिम्मेदारी है.
स्वच्छता केवल सरकारी दायित्व नहीं, बल्कि यह समाज का नैतिक कर्तव्य है
जिलाधिकारी ने कहा कि स्वच्छता केवल सरकारी दायित्व नहीं, बल्कि यह समाज का नैतिक कर्तव्य है. उन्होंने बताया कि सफाई शुल्क का उद्देश्य आम जनता पर अतिरिक्त बोझ डालना नहीं है, बल्कि इससे एकत्रित राशि का उपयोग शहर की साफ-सफाई, कचरा प्रबंधन, नालियों की नियमित सफाई, डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण तथा स्वच्छता से जुड़ी सुविधाओं को और मजबूत करने में किया जायेगा. उन्होंने कहा कि नगर परिषद क्षेत्र के सभी 36 हजार होल्डिंग धारकों को सफाई शुल्क देना अनिवार्य है. इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि सभी जनप्रतिनिधियों एवं सरकारी अधिकारियों से भी सफाई शुल्क की वसूली की जायेगी, ताकि यह संदेश जाये कि कानून और नियम सभी के लिए समान हैं. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि जब जनप्रतिनिधि और अधिकारी स्वयं आगे आकर शुल्क जमा करेंगे, तो आम नागरिकों में जागरूकता और विश्वास दोनों बढ़ेंगे.चरणबद्ध वसूली और शुल्क की दरें
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी डॉ विपिन कुमार ने बताया कि सफाई शुल्क वसूली अभियान को चरणबद्ध तरीके से चलाया जायेगा. इसके लिए नगर परिषद की विशेष टीमें गठित की गयी हैं, जो घर-घर जाकर लोगों को सफाई शुल्क के महत्व की जानकारी देंगी और रसीद के साथ शुल्क की वसूली करेंगी. उन्होंने बताया कि प्राप्त राशि से आधुनिक कचरा संग्रहण व्यवस्था, अतिरिक्त सफाई कर्मियों की तैनाती, कूड़ेदानों की व्यवस्था तथा अन्य संसाधनों को सुदृढ़ किया जायेगा.व्यवसायिक क्षेत्र से उठाव के लिए रखी गयी हैं अलग-अलग दरें
नगर परिषद क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा उठाव के लिए अब शुल्क देना होगा. आवासीय परिसरों के लिए 25 रुपया प्रतिमाह तय किया गया है, जबकि व्यवसायिक क्षेत्र से उठाव के लिए अलग-अलग दरें रखी गयी हैं. उदाहरण के लिए, मिठाई दुकान, ढाबा व कॉफी हाउस को 75 रुपए प्रतिमाह तथा रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस, धर्मशाला, हॉस्टल, व्यवसायिक कार्यालय, बैंक, कोचिंग, शैक्षणिक संस्थान व सरकारी कार्यालयों को प्रति माह 250 रुपए देने होंगे. वहीं, बीपीएल परिवार, स्लम के लोगों और स्ट्रीट वेंडर से कोई शुल्क नहीं लिया जाना है.अतिक्रमण और पॉलिथीन के खिलाफ सघन जांच
इसी क्रम में नगर परिषद द्वारा सोमवार को अतिक्रमण और पॉलिथीन के खिलाफ सघन जांच अभियान भी चलाया गया. नगर परिषद की टीम ने जेपी चौक, नया बाजार, अस्पताल मोड़, अस्पताल रोड और थाना रोड सहित प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों में दुकानों की गहन जांच की. जांच के दौरान पॉलिथीन का उपयोग पाये जाने पर संबंधित दुकानदारों को चेतावनी के साथ कार्रवाई की गयी. अभियान के दौरान सड़क और फुटपाथ पर किये गये अतिक्रमण को हटवाया गया और दुकानदारों व ठेले वालों को सख्त चेतावनी दी गयी कि भविष्य में अतिक्रमण पाये जाने पर और कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इस जांच अभियान में कुल ₹15,000 की वसूली की गयी. इस दौरान सिटी मैनेजर बालेश्वर राय, वार्ड पार्षद जयप्रकाश गुप्ता सहित नगर परिषद के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

