सीवान : सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शनिवार को तिहाड़ जेल से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन की पेशी हुई. विशेष न्यायाधीश सह प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद शुक्ल की अदालत में पेशी हुई. पूर्व सांसद से जुड़े तीन मामलों की सुनवाई हुई. दारोगा प्रसाद राय डिग्री कॉलेज पर तत्कालीन एसडीपीओ संजीव कुमार पर जानलेवा हमला के मामले में बचाव पक्ष की ओर से गवाही देनी थी, परंतु बचाव पक्ष गवाह प्रस्तुत नहीं कर सका. इस दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनुपस्थित रहे.
अभियोजन पक्ष के सहायक अभियोजक रघुवर सिंह ने बताया कि कोर्ट ने शहाबुद्दीन से गवाह पेश करने को कहा. इस पर शहाबुद्दीन ने कहा कि अधिवक्ता बहाली का मामला हाइकोर्ट में लंबित है. मेरे मुकदमे की पैरवी के लिए अधिवक्ता नियुक्त होने के बाद ही गवाह दिया जायेगा. हाइकोर्ट में 31 मार्च को अधिवक्ता नियुक्ति के बिंदु पर सुनवाई होनी है.
दूसरे मामले में भाजपा नेता योगेंद्र पांडे हत्या कांड व कमरूल हक अपहरण कांड के मामले में आरोप गठन के बिंदु पर आंशिक सुनवाई हुई. मंडल कारा से पूर्व सांसद के तिहाड़ जेल में शिफ्ट कराये जाने के बाद से ही यहां वीडियो कॉन्फ्रेसिंग सिस्टम से पेशी की तैयारी चल रही थी. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद तेजी आयी. हालांकि इसके पूर्व मंडल कारा में वीसी के लिए सिस्टम अपडेट न होने से सुनवाई टलती रही. इस बीच शनिवार को मंडल कारा में गठित वि शेष अदालत में सुनवाई के लिए विशेष न्यायाधीश विनोद शुक्ल उपस्थित थे. इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष अभियोजक जयप्रकाश सिंह व सहायक अभियोजक रघुवर सिंह मौजूद थे.