महाराजगंज : पीएचईडी द्वारा ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के सार्वजनिक स्थानों पर लगाये गये अधिकतर चापाकल विभिन्न तकनीकी कारणों से बंद पड़े हैं . गर्मी की सीजन चल रहा है. सार्वजनिक स्थानों पर ज्यादा से ज्यादा लोग इसका उपयोग कर सकें इसी उद्देश्य से चापाकल लगाये भी गये थे . लेकिन देख-रेख के अभाव में सार्वजनिक चापाकल बंद पड़े हैं . प्रखंड क्षेत्र के बीच से एक गंडकी नदी व दो गंडकी नहर गुजरती है , सभी अभी जल रहित है . जानवरों को भी पानी पीने के लिए परेशानी है.
पिछले कई वर्षों से कम बारिश होने से परेशानी हो गयी है. इससे ताल-तलैया आदि में भी पानी नहीं है. ग्रामीण क्षेत्र अधिकांश लोग मानसून पर निर्भर रहते हैं . प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश लोग मजदूर किसान हैं. प्रखंड क्षेत्र में पानी की किल्लत दूर करने के लिए निजी चापाकलों के अलावा पीएचईडी द्वारा 2017 के प्राप्त सूचना के अनुसार दो हजार सात सौ 31 सरकारी चापाकल लगाये गये हैं. ये सार्वजनिक स्थानों पर लगे हैं. 86 चापाकल छोटी -छोटी तकनीकी गड़बड़ियों के कारण बंद है .
उसे मरम्मत करने की बात दूर रही उसे देखने तक भी पीएचडी के कर्मचारी नहीं जाते हैं. महाराजगंज नगर पंचायत क्षेत्र में चापाकल की संख्या दो सौ है. बंद चापाकल को ठीक करने के लिए पीएचईडी के कार्यपालक अधिकारी ने निर्देश दिया है, लेकिन क्षेत्र में निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है .