— कंचन प्रकाश के नेतृत्व में दिल्ली से पहुंची है कलाकारों की पूरी टीम
— श्रीरामपुर गांव की बच्चियों को भी कला के प्रदर्शन को लेकर किया जा रहा प्रेरित
राकेश राज/मो दुलारे
सीतामढ़ी/परिहार
. भारत-नेपाल सीमा के सटे परिहार प्रखंड की नरंगा दक्षिण पंचायत के श्रीरामपुर गांव में इन दिनों चहल-पहल है. दरअसल गांव को बज्जिका पेंटिंग से सजाने के लिए नयी दिल्ली से कंचन प्रकाश के नेतृत्व में कलाकारों की टीम पहुंची हैं. कंचन के नेतृत्व में गांव के घर की दीवारों समेत सरकारी भवनों पर बज्जिका पेंटिंग की अद्भुत छाप उकेरी जा रही है. इसके जरिये बज्जिकांचल क्षेत्र के रीति-रिवाजों, परंपरा, कोहबर, विवाह और लोक देवता की पूजा पद्धति को दर्शाया जा रहा है. इतना ही नहीं, कंचन प्रकाश श्रीरामपुर में अपने कला का प्रदर्शन कर बच्चों को प्रेरित भी कर रही हैं. बच्चे भी विभिन्न ग्रुपों में चित्रों में बज्जिकांचल संस्कृति उकेर रहे हैं. बताते चलें कि डॉ कंचन प्रकाश बज्जिकांचल पेंटिंग के लिए ऑल इंडिया फाइन आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स सोसाइटी व राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित हो चुकी हैं. वह पिछले 27 वर्षों से दिल्ली में रहकर बज्जिका पेंटिंग को समृद्ध कर रही हैं. बज्जिकांचल क्षेत्र में रहने वाले लोगों की रोजमर्रा का जीवन और देवी-देवताओं की कहानियां इनकी पेंटिंग में दिखती हैं. इनकी 13 पेंटिंग बेल्जियम के म्यूजियम और सेक्रेड आर्ट गैलरी में लग चुकी हैं. डॉ कंचन ने प्रभात खबर को बताया कि बज्जिका साहित्य के साथ बज्जिका की लोक कलाओं के संवर्धन का काम तेजी से हो रहा है. मेरी कला का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और परंपरा का संरक्षण करना है ताकि आने वाली पीढ़ियाँ हमारी अमूल्य धरोहरों से जुड़ी रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

