पुपरी. कृषि विज्ञान केंद्र बलहा मकसूदन सीतामढ़ी के प्रशिक्षण सभागार में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनानंतर्गत मिश्रित मत्स्य पालन प्रशिक्षण के सातवें बैच की शुरुआत की गई. शुभारंभ केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ राम ईश्वर प्रसाद ने दीप प्रज्वलित कर किया. उन्होंने कहा कि जिले में मत्स्य पालन से आमदनी प्राप्त करने की वृहत संभावनाएं है. इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र द्वारा राष्ट्रीय मत्स्यकी बोर्ड, हैदराबाद के सहयोग से इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. उद्यान वैज्ञानिक मनोहर पंजीकार, शस्य वैज्ञानिक सचिदानंद प्रसाद, पादप रक्षा वैज्ञानिक डॉ श्रीति मोसेस, कृषि प्रसार वैज्ञानिक डॉ पिनाकी रॉय व गृह वैज्ञानिक डॉ सलोनी चौहान ने कहा कि बेहतर मछली पालन हेतु जल की गुणवत्ता, भोजन प्रबंधन, नस्ल प्रबंधन, रोग प्रबंधन की जानकारी अति आवश्यक है. मछली के बेहतर वृद्धि के लिए तालाब के जल की जांच जरूरी है. बताया कि सूबे में अब भी कुल खपत का 50 फीसदी मछलियां बाहर से आती है. अगर जिले में मत्स्य पालन के क्षेत्रफल को बढ़ाया जाए तो उत्पादन में वृद्धि होने के साथ हीं किसानों की आमदनी को बढ़ सकती है. मत्स्य पालन काफ़ी बेहतर आमदनी का श्रोत है, जिससे किसानों में सतत आमदनी का श्रोत तैयार किया जा सके. कार्यक्रम में प्रियंका देवी, इंदु देवी, शांति देवी, नूतन देवी, संजय कुमार, काजल कुमारी, अनिल पासवान, रंजीत कुमार समेत अन्य मत्स्य पलक शामिल थे.
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