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sitamarhi news: अब मोबाइल फोन से अपराध स्थल, गवाही, तलाशी व जब्ती गतिविधियों की होगी रिकार्डिंग

ई-साक्ष्य ऐप के माध्यम से पुलिस अधिकारी अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके अपराध स्थल, तलाशी व जब्ती गतिविधियों का रिकॉर्ड तैयार करेगी. प्रत्येक रिकॉर्डिंग अधिकतम चार मिनट लंबी हो सकती है

प्रतिनिधि सीतामढ़ी. ई-साक्ष्य ऐप के माध्यम से पुलिस अधिकारी अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके अपराध स्थल, तलाशी व जब्ती गतिविधियों का रिकॉर्ड तैयार करेगी. प्रत्येक रिकॉर्डिंग अधिकतम चार मिनट लंबी हो सकती है और प्रत्येक प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के लिए एकाधिक रिकॉर्डिंग अपलोड की जायेगी. पुलिस मुख्यालय के द्वारा सभी थानों में कार्यरत पुलिस अधिकारी को लैपटॉप व मोबाइल उपलब्ध करायी गई है. साथ ही सभी को अपने अपने थाने में ई-साक्ष्य एप की ट्रेनिंग दी जा रही है. बताया कि जून महीने से जिले में पुलिस ई- साक्ष्य एप के माध्यम से रिकार्डिंग शुरू कर देगी.

मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा विकसित एक मोबाइल एप्लीकेशन है, जो आपराधिक मामलों में साक्ष्यों को रिकार्ड करने और प्रबंधित करने में पुलिस की सहायता करता है. यह ऐप भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक डिजिटल परिवर्तन का हिस्सा है, जो नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन में सहायक साबित होगा. थानाध्यक्ष विनय प्रताप सिंह ने बताया कि ई-साक्ष्य ऐप के उपयोग को लेकर सभी तरह की तैयारी की गयी है. सभी अनुसंधानकर्ता को मोबाइल व लैपटॉप के साथ ही ट्रेंनिंग दिया जा रहा है. ताकि ई-साक्ष्य ऐप के माध्यम से कानून के अनुसार कार्रवाई में पारदर्शिता बनी रहे.

–ई-साक्ष्य ऐप के मुख्य विवरण और निहितार्थ इस प्रकार है

–साक्ष्य अपलोड करना

रिकॉर्डिंग के बाद, पुलिस अधिकारी को फ़ाइल को क्लाउड-आधारित प्लेटफ़ॉर्म पर अपलोड करना होगा. प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी को प्रक्रिया पूरी करने के बाद एक सेल्फी अपलोड करनी होगी.

–अपलोड करने के विकल्प

यदि कनेक्टिविटी संबंधी समस्याएं हों, तो अधिकारी अपने व्यक्तिगत डिवाइस पर अपराध स्थल को रिकॉर्ड कर सकते हैं, हैश मान उत्पन्न कर सकते हैं, तथा बाद में पुलिस स्टेशन से फाइल अपलोड कर सकते हैं.

–एकरूपता और दोषसिद्धि दर

ऐप का उद्देश्य जांच में एकरूपता लाना है, जिससे दोषसिद्धि दर में वृद्धि होने की उम्मीद है. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहित प्रत्येक आपराधिक मामले में तलाशी और जब्ती की अनिवार्य दृश्य-श्रव्य रिकॉर्डिंग तथा उन मामलों में अनिवार्य फोरेंसिक जांच का प्रावधान करती है. जहां अपराध के लिए सात वर्ष या उससे अधिक की सजा का प्रावधान है.

बोले अधिकारी

ई-साक्ष्य ऐप से अभियोजन पक्ष मजबूत होगा. गवाही, अपराध स्थल, तलाशी व जब्ती गतिविधियों की रिकार्डिंग होने से साक्ष्य में किसी तरह के उलट-फेर की संभावना नहीं रहेगी. समय पर लोगों को न्याय मिलेगा.

आशीष आनंद, एएसपी सह सदर एसडीपीओ 2

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