सीतामढ़ी. जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक बुधवार को समाहरणालय स्थित विमर्श कक्ष में डीएम रिची पांडेय की अध्यक्षता में हुई. बैठक की जानकारी देते हुए जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी कमल सिंह ने बताया कि बैठक में आगामी खरीफ मौसम को ध्यान में रखते हुए प्रखंड स्तर पर विभिन्न फसलों के अनुसार उर्वरकों की अनुमानित खपत एवं आवश्यकता का आकलन कर उसकी समीक्षा की गयी. समिति ने उर्वरकों की समय पर आपूर्ति एवं उपलब्धता सुनिश्चित करने पर बल दिया, जिससे किसानों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो. बैठक में समीक्षा की गयी कि जिला स्तर से प्राप्त उर्वरकों का वितरण प्रखंड के विभिन्न खुदरा उर्वरक विक्रेताओं के माध्यम से पारदर्शी तरीके से किसानों तक हो रहा है या नहीं. डीएम ने निर्देश दिया कि प्रखंडों को उर्वरक की उपलब्धता में पूरी पारदर्शिता रखें. साथ ही डीएम द्वारा उर्वरकों के निर्धारित विक्रय मूल्य, वितरण व्यवस्था एवं गुणवत्ता पर सतत निगरानी बनाये रखने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये. डीएम ने निर्देश दिया कि किसानों को उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण उर्वरक उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित किया जाये. उर्वरकों की कालाबाजारी न हो. इसमें संलिप्त लोगों को चिन्हित कर कड़ी कारवाई की जाये. औचक छापामारी करें. — 12318 मीट्रिक टन यूरिया व 2547.49 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध जिला कृषि पदाधिकारी ने खरीफ वर्ष 2025-26 में विभिन्न फसलों के लक्ष्य के अनुसार उर्वरकों की आवश्यकता के बारे में बताया. बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि खरीफ 2025 में जिले में 26500 मीट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता के विरुद्ध उपलब्धता 12318 मीट्रिक टन है, जबकि 4500 मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता के विरुद्ध कुल उपलब्धता 254.49 मीट्रिक टन है. बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी, जिला जन संपर्क पदाधिकारी के साथ कृषि विभाग के अन्य पदाधिकारी एवं माननीय सदस्यों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे.
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