पुपरी. भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के निर्देश पर कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा देश भर में 29 मई से 12 जून तक “विकसित कृषि कल्याण अभियान ” की शुरुआत की गई है. इसके तहत गुरुवार को कृषि विज्ञान केंद्र बलहा मकसूदन सीतामढ़ी की ओर से अनुमंडल क्षेत्र के पिपराढ़ी, हरिहरपुर व मझौर समेत नौ रेवेन्यू गांव से इस अभियान का शुभारंभ किया गया. बताया गया कि इस दौरान जिले के 135 गांव में कार्यक्रम के माध्यम से किसानों को जागरूक करने का लक्ष्य है. बताया गया कि केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डॉ राम ईश्वर प्रसाद समेत अन्य वैज्ञानिक एवं राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा के वैज्ञानिक डॉ एसएम राउत, डॉ मनोज कुमार व डॉ बीआर जेना ने अलग- अलग गठित टीम में शामिल होकर कार्यक्रम के उद्देश्य को बताया, जिसमें खरीफ फसलों से संबंधित आधुनिक तकनीक, सरकार की विभिन्न योजनाएं, मिट्टी जांच व किसानों के विभिन्न नवाचार की जानकारी दी गई. वरीय वैज्ञानिक ने बताया कि इस दौरान कृषि की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए फसलों की सीधी बुवाई, बिना जुताई किये बीजों की बुवाई, जलवायु अनुकूल प्रभेद सबोर निर्जल, स्वर्णा सब 1, राजेंद्र मंसूरी, डीबी डब्लू 187 को अपनाने की जरूरत है, जो जलवायु की विषम परिस्थिति जैसे में बेहतर उपज देती है. अन्य वैज्ञानिक व डीएओ ब्रजेश कुमार ने कहा कि फसल का बेहतर उत्पादन संतुलित पोषण की उपलब्धता से हीं संभव है. इसके लिए मिट्टी जांच कराना सबसे महत्वपूर्ण है. मिट्टी जांच सभी कृषि विज्ञान केंद्रों एवं सभी जिला कृषि कार्यालय में कराया जाता है. नोडल पदाधिकारी ने किसान क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा योजना, कौशल विकास कार्यक्रम, जैविक खेती, प्राकृतिक खेती बीज उत्पादन की जानकारी दी.
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