सीतामढ़ी कोर्ट. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश(एडीजे) सह विशेष सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ पांडेय ने शनिवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विवाहिता के अपहरण मामले में दोषी व्यक्ति को पांच वर्ष कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अर्थदंड की राशि नहीं चुकाने पर छह माह अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा. सजा पाने वाला सुहैल अंसारी, जिले के परसौनी थाना क्षेत्र के नीलामी टोला निवासी कमरुद्दीन अंसारी का पुत्र है. कोर्ट ने भादवि की धारा 366 में उसे दोषी पाया था. मामले में सरकार पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक गिरजा वर्मा ने पक्ष रखा. वहीं, बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अमर मिश्रा ने बहस किया. — क्या है पूरा मामला परसौनी थाना क्षेत्र की एक विवाहिता ने कोर्ट में परिवाद पत्र दायर कर मुकदमा दर्ज करायी थी. इसमें सुहैल अंसारी, भाई राजू अंसारी, सलमान अंसारी पिता कमरुद्दीन अंसारी व अन्य को आरोपित किया था. बताया था कि 24 दिसंबर 2007 को सुहैल अंसारी अन्य लोगों के साथ मिलकर उसे उसके घर से तीन बजे सुबह में अपहरण कर लिया. वह अपने घर से बाहर पानी पीने के लिए निकली थी. वे लोग उसे अपहरण कर पटना, फिर मुंबई ले गये. सुहैल अंसारी उसके साथ बलात्कार भी किया. वह किसी प्रकार उसके चंगुल से मुक्त होकर मुकदमा दर्ज करायी. जिसमें परसौनी थाना कांड संख्या 10/2018( दो फरवरी 2018) दर्ज किया गया. जिसके उपरांत पुलिस ने छह फरवरी 2018 को पीड़िता को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया. मामले कोर्ट ने राजू अंसारी, सोहेल अंसारी, सलमान अंसारी व कयामुद्दीन अंसारी को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया.
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