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बैडमिंडन के ”अच्छे दिन” लौटने के आसार

कवायद इनडोर स्टेडियम के अभाव में डेढ़ दशक से वेंटिलेटर पर है बैडमिंडन, 15 सालों में एक भी प्रतियोगिता का आयोजन नहीं सीतामढ़ी : शासन -प्रशासन की बेपरवाही व व्यवस्था के अभाव के चलते पिछले डेढ़ दशक से वजूद बचाने के लिए संघर्षरत बैडमिंडन के ‘अच्छे दिन’ लौटने के आसार दिख रहे है. बैडमिंडन खिलाड़ी […]

कवायद इनडोर स्टेडियम के अभाव में डेढ़ दशक से वेंटिलेटर पर है बैडमिंडन, 15 सालों में एक भी प्रतियोगिता का आयोजन नहीं

सीतामढ़ी : शासन -प्रशासन की बेपरवाही व व्यवस्था के अभाव के चलते पिछले डेढ़ दशक से वजूद बचाने के लिए संघर्षरत बैडमिंडन के ‘अच्छे दिन’ लौटने के आसार दिख रहे है.
बैडमिंडन खिलाड़ी व प्रशंसकों के सपनों के सच में साकार होने के साथ ही उम्मीदें भी जवां होती दिख रहीं है. इंडोर स्टेडियम के के निर्माण ने पिछले 15 सालों से वेंटिलेटर पर पड़े बैडमिंडन को कुछ हद तक आॅक्सीजन दे दी है. अब इंडोर स्टेडियम के उद्घाटन का इंतजार है. अगर दिसंबर में इंडोर स्टेडियम का उद्घाटन हो जाता है तो जनवरी 2017 में सीतामढ़ी में बैडमिंडन का राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन होगा. इसके साथ ही सीतामढ़ी में बैडमिंडन का वजूद व क्रेज दोनों की वापसी होगी.
तकरीबन तीन दशक से बैडमिंडन का वजूद बचाने के लिए संर्घषरत जिला बैडमिंडन संघ के सचिव संजीव भूषण उर्प गोपाल इंडोर स्टेडियम निर्माण को बैडमिंडन के लिए बड़ी उपलब्धि मानते है. बताते है कि इंडोर स्टेडियम के निर्माण के बाद जिले में बैडमिंडन की राह की सबसे बड़ी बाधा समाप्त हो जाएगी. हालांकि उनकी चिंता इंडोर स्टेडियम के दिसंबर तक पूरी तरह तैयार होने को लेकर है. बताते है कि हर हाल में दिसंबर तक इंडोर स्टेडियम तैयार होना चाहिए.
तभी जनवरी में राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन हो पाएगा. इंडोर स्टेडियम तैयार है, लेकिन कुछ काम बचा है. उन्होंने डीएम समेत जिला प्रशासन से अविलंब इंडोर स्टेडियम का उद्घाटन कराने की मांग की है. बताते चले की सीतामढ़ी में वर्ष 1987 में जिला बैडमिंडन संघ की स्थापना की गयी थी. तत्कालीन एसपी इसके अध्यक्ष चुने गये थे, जबकि संजीव भूषण गोपाल इसके सचिव बनाये गये थे. गोपाल तब से अब तक न केवल सचिव के रूप में अपनी सेवा दे रहे है, बल्कि बैडमिंडन के वजूद की लड़ाई भी लड़ रहे है.
शुरुआती दिनों में बैडमिंडन काफी लोकप्रिय हुआ. मुख्यालय डुमरा के नेहरू भवन में नियमित तौर पर अभ्यास होता था. नेहरू भवन में नियमित रूप से प्रतियोगिताएं भी आयोजित होती रहीं. अधिकारियों में भी बैंडमिंडन खासा लोकप्रिय था. हालांकि शासन-प्रशासन की लापरवाही के चलते बैडमिंडन उपेक्षा का शिकार बन गया.
बाद में बची-खुची कसर जिला प्रशासन ने पूरी कर दी. प्रशासन ने अभ्यास के लिए एक मात्र स्थान रहे नेहरू भवन में अभ्यास पर रोक लगा दी. तब से इसके बुरे दिन शुरू हो गये जो अब तक है. हालांकि जिले के कई खिलाड़ियों ने वैकल्पिक व्यवस्था के जरिये अभ्यास कर राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में सीतामढ़ी का नाम रोशन करने में सफलता पाई. इसी बीच डुमरा स्टेडियम कैम्पस में ही सरकार ने इंडोर स्टेडियम निर्माण को स्वीकृति दी, वर्तमान में इंडोर स्टेडियम बन कर तैयार है. इंडोर स्टेडियम के निर्माण के बाद सबसे ज्यादा उत्साह बैडमिंडन खिलाड़ियों में ही है.
फिलहाल, संघ अध्यक्ष के पद पर लोक अभियोजक अरूण कुमार सिंह व कोषाध्यक्ष के पद पर परिमल रंजन के अलावा संघ की दस सदस्यीय कार्यकारिणी समिति बैडमिंडन को जिंदा रखने की लड़ाई रह रहे है. संघ के मजबूत होने के बावजूद संसाधनों का अभाव बरकरार है. वहीं शासन-प्रशासन भी इसके प्रति उतना गंभीर नहीं है जितना होना चाहिए.
मुख्यालय डुमरा में बन कर तैयार हुआ इंडोर स्टेडियम, अब उद्घाटन का इंतजार
सब कुछ ठीक रहा तो जनवरी 2017 में बैडमिंडन की नेशनल चैंपियनशिप की मेजबानी करेगा सीतामढ़ी

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