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छुट्टी के बाद बैंकों में लगी लंबी कतारें

परेशानी. एसबीआइ सहित अन्य बैंकों के एटीएम से हुई लाखों रुपये की निकासी बैंकों द्वारा दी गयी वरिष्ठ नागरिकों को पुराने नोट बदलने की छूट दो सप्ताह की कड़ी मेहनत के बाद बैंककर्मियों को मिली थी एक दिन की छुट्टी सीतामढ़ी : नोटबंदी के करीब 12 दिन बाद रविवार को मिली एक दिन की बैंक […]

परेशानी. एसबीआइ सहित अन्य बैंकों के एटीएम से हुई लाखों रुपये की निकासी

बैंकों द्वारा दी गयी वरिष्ठ नागरिकों को पुराने नोट बदलने की छूट
दो सप्ताह की कड़ी मेहनत के बाद बैंककर्मियों को मिली थी एक दिन की छुट्टी
सीतामढ़ी : नोटबंदी के करीब 12 दिन बाद रविवार को मिली एक दिन की बैंक छुट्टी के बाद सोमवार को शहर के साथ-साथ जिले भर के विभिन्न बैंकों व एटीएम के बाहर लंबी-लंबी कतारें देखने को मिली. एसबीआइ, इलाहाबाद बैंक व आइसीआइसीआइ बैंक समेत कुछ अन्य बैंकों द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को पुराने 500 व एक हजार के नोट बदलने की सुविधा दी गयी. हालांकि बैंक ऑफ बड़ौदा समेत कुछ अन्य बैंकों द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को यह सुविधा सोमवार को नहीं दी गयी.
एसबीआइ, बैंक ऑफ बड़ौदा व आइसीआइसीआइ बैंक समेत कुछ अन्य बैंकों के एटीएम से भी लोगों को लाखों रुपये की निकासी करने की सहूलियत मिली. एसबीआइ बैंक में सबसे अधिक लंबी-लंबी कतारें देखने को मिली. हालांकि बैंक कर्मियों को पिछले कुछ दिनों के अपेक्षा कोई खास परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा. बैंकों का संचालन सामान्य स्थिति में देखा गया.
अगले सात दिनों के लिए रि-चार्ज होने का मिला मौका: करीब दो सप्ताह की कड़ी मेहनत के बाद बैंक कर्मियों को रविवार को पहली बार एक दिन के लिए थोड़ी राहत मिली. बैंक अधिकारी व कर्मचारी का रविवार का दिन कैसे बीता, यह जानने के लिए प्रभात खबर ने विभिन्न बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों से बात की. आइडीबीआइ बैंक प्रबंधक अशोक कुमार ने बताया कि पिछले दो सप्ताह से नॉन स्टॉप काम करने के बाद पहली बार रविवार को छुट्टी का अवसर मिला था. रविवार का दिन घर के काम-काज में बीत गया.
बच्चे की तबियत खराब थी. उसे चिकित्सक को दिखाया. एक नजदीकी रिश्तेदार के घर भी गया. काफी राहत महसूस किया. अगले सात दिन के काम के लिए रि-चार्ज होने का भी मौका मिल गया. इसी बैंक के कर्मचारी अंशु कुमार व राकेश कुमार झा ने बताया कि पिछले दो सप्ताह की व्यस्तता के कारण काफी काम जमा हो गये थे. रविवार के दिन उन्हीं कामों को निबटाने में बीत गया. इसके अलावा रात को पूरी नींद लेने का भी मौका मिल गया.
रिचार्ज होकर मिला नया जोश : बैंक ऑफ बड़ौदा बाजार शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक गुंजेश कुमार सिंह ने बताया कि दो सप्ताह के कड़ी मेहनत के बाद उन्हें व उनके कर्मचारियों को थोड़ा रि-चार्ज होने का मौका मिल गया. थोड़ी राहत मिलने के बाद उन्हें व उनके कर्मचारियों में नया जोश आया है. सोमवार से वे लोग फिर से आम लोगों को सुविधा पहुंचाने के लिए नया जोश के साथ काम में जुट गये हैं.
घरेलू कामों को निबटाने व सोने का मिला मौका: आइसीआइसीआइ बैंक के उप प्रबंधक गौतम कुमार ने बताया कि दो सप्ताह के माथापच्ची के बाद रविवार को एक दिन की छुट्टी मिली. घरेलू कामों को निबटाने में समय बीत गया. ठंड का मौसम आ चुका है. गर्म कपड़ों की खरीदारी की और खूब नींद लिया. इसी तरह इसी बैंक के कर्मचारी आदित्य रंजन व निशांत कुमार आदि ने बताया कि उनका पूरा दिन पेंडिंग पड़े घरेलू कामों को निबटाने में बीत गया. रात को अच्छी नींद लेने का भी मौका मिल गया.
बैंकों में हुई सामान्य स्थिति
अस्पताल रोड में एक एटीएम के बाहर एटीएम खुलने का इंतजार करते लोग.
आमलोगों की परेशानी को देख कर दी छुट्टी कुर्बान : इलाहाबाद बैंक बाजार शाखा के मुख्य प्रबंधक रविंद्र कुमार ने बताया कि उनके परिवार के सभी सदस्य मुजफ्फरपुर में हैं. एक दिन की छुट्टी मिली. इतने कम समय में परिवार के लोगों से मिलने नहीं जा सका. डेरा पर ही छोटे-छोटे कामों को निबटाने में दिन बीत गया. इसके अलावा दिन भर पहचान के लोगों का नोट बंदी के संबंध में मोबाइल पर कॉल आता रहा. उनलोगों को जवाब देते-देते समय बीत गया. इसी बैंक के अन्य कर्मचारी शशिकांत ने बताया कि रविवार को ही उनकी बिटिया ऋद्धिमा आर्यन का जन्म दिन था. मासूम बिटिया बैंक जाने से मना कर रही थी, लेकिन आम लोगों की परेशानियों के मद्देनजर बैंक आना जरूरी था, इसलिए उन्हें 12 दिन बाद मिली एकमात्र छुट्टी की भी कुर्बानी देनी पड़ी. कर्मी संतोष कुमार व चंदन कुमार समेत अन्य ने बताया कि थोड़ी सी राहत जरूर मिली, लेकिन अगले दिन के काम-काज की भी चिंता सता रही थी.

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