भूपभैरो पंचायत के प्रथम मुखियाबने थे स्व. राम प्रताप यादव
जेपी आंदोलन में जाना पड़ा था जेल
सीतामढ़ी : डुमरा प्रखंड अंतर्गत पंचायत राज भूपभैरो में स्वतंत्रता सेनानी, जेपी सेनानी सह भूपभैरो पंचायत के प्रथम मुखिया (1953-1963) स्व. राम प्रताप यादव के जनमोत्सव पर उनके प्रतिमा का अनावरण उनके पैतृक गांव भूपभैरो में उनके निवास स्थान पर हुआ. मौके पर वक्ताओं ने कहा कि राम प्रताप यादव का जन्म 14 नवंबर 1927 को भूपभैरो गांव में हुआ.
मात्र 15 साल की आयु में उन्होंने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. आंदोलन के बाद अपने पंचायत के समाजिक कार्य मे लग गए. इस दौरान उन्होंने शिक्षा, स्वच्छता, छुआछूत व सामंतवादी समेत अन्य सामाजिक मुद्दों पर कार्य किये. इनके शांत स्वभाव, सहनशील, अहिंसावादी विचार को देखकर लोगों ने 1953 में निर्विरोध मुखिया चुन लिया.
उस समय भूपभैरो, भैरोकोठी, शिवमहमतपुर, बरियारपुर व मोहनपुर पांच गांव मिलाकर एक पंचायत थी. ये अपने पंचायत को स्वच्छ रखने के लिए प्रातः बेला में खुद झाड़ू लेकर लेकर गांव मे निकल पड़ते थे. जिससे देखकर दूसरे ग्रामीण भी भरपूर साथ देते थे. लोगों की समस्या जानने के लिए प्रत्येक गुरुवार को जनता दरबार लगाते थे. उनके काम एवं व्यवहार से प्रभावित होकर पुनः 1958 में निर्विरोध मुखिया चुना गया.
उसके बाद उन्होंने चुनाव में भाग नही लिया, लेकिन अपने तन मन एवं जनसहयोग की मदद से सामाजिक कार्य करते रहे. उन्होंने अपने पैतृक भूमि दान देकर मध्य विद्यालय भूपभैरो की स्थापना करायी. भूपभैरो में इनके अगुआई में राम जानकी मंदिर (मठ) का निर्माण हुआ. कई सामाजिक कार्य करते रहे. 15 जून 1975 को देश मे आपातकाल लगा दिया गया. अंचलाधिकारी डुमरा द्वारा उनपर जेपी आंदोलन में सहयोग करने को लेकर डीआईआर के तहत मुकदमा किया गया. जिससे उन्हें जेल जाना पड़ा. आपातकाल हटने के बाद जेल से रिहा हुए.
15 सितंबर को गीता के 18 वें अध्याय को जपते सर्वन करते हुए शरीर को त्याग दिए. उनके प्रतिमा अनावरण समारोह में उनके पुत्र समाजसेवी नंदलाल यादव, विधान पार्ष द दिलीप राय, विधायक सुनील कुमार, पूर्व सांसद सीताराम यादव व पूर्व मंत्री सूर्यदेव राय समेत अन्य लोग मौजूद थे.