जेल में बंद हार्डकोर नक्सली से बरामद हुआ आपत्तिजनक सामान
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सुहाग पासवान जेल में करता है नक्सल विचारधारा का प्रचार-प्रसार
जेल में बंद हार्डकोर नक्सली से बरामद हुआ आपत्तिजनक सामान सीतामढ़ी : सदर एसडीओ सत्येंद्र कुमार के नेतृत्व में पुलिस द्वारा मंगलवार की शाम करीब सात बजे जेल में की गयी छापेमारी में नक्सली सुहाग पासवान के पास से नक्सली साहित्य बरामद हुआ. वहीं, बंदी मोहन बैठा के पास से 4-जी मोबाइल मिला. पाया गया […]
सीतामढ़ी : सदर एसडीओ सत्येंद्र कुमार के नेतृत्व में पुलिस द्वारा मंगलवार की शाम करीब सात बजे जेल में की गयी छापेमारी में नक्सली सुहाग पासवान के पास से नक्सली साहित्य बरामद हुआ.
वहीं, बंदी मोहन बैठा के पास से 4-जी मोबाइल मिला. पाया गया कि जेल में मोहन फरजी आइडी बनाकर फेसबुक चलाता था. इस मामले को लेकर जेल उपाधीक्षक धर्मेंद्र कुमार ने उक्त दोनों बंदियों के खिलाफ डुमरा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. यह कोई पहली बार नहीं है कि छापेमारी में जेल से आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गयी है. जेल में बंद हार्डकोर नक्सली व शातिर अपराधी के पास से आपत्तिजनक सामान बरामद होने को लेकर जिला पुलिस गंभीर हैं. पुलिस सूत्रों पर भरोसा करें तो एसपी के स्तर से जेल प्रशासन के खिलाफ रिपोर्ट भेजने की तैयारी की जा रही हैं.
बेड के नीचे से मिला प्रतिबंधित सामान
प्राथमिकी के अनुसार, गुप्त सूचना पर पुलिस अधिकारी व कर्मियों ने जेल के वार्ड नंबर आठ में बंदी हार्डकोर नक्सली सुहाग पासवान की तलाशी ली.
इस दौरान उसके बेड के नीचे छुपाकर रखे नक्सली विचारधारा से संबंधित लिखित बातों की एक कॉपी मिली. दो अन्य पन्ना मिला जिस पर समस्त देशवासियों से जवाब मांगता एक सवाल कंप्यूटराइज था. इसके अलावा सतीश राय उर्फ मास्टर जी की लिखावट में ‘मानव समाज, धर्म की उत्पत्ति और उसका राजनीतिकरण, दास, मालिक व समाज’ पर टिप्पणी से संबंधित 23 पन्ना बरामद हुआ. पुलिस की पूछताछ में सुहाग ने बताया कि वह नक्सल विचारधारा से प्रभावित है और जेल में अपने संपर्क के बंदियों को उक्त विचारधारा से प्रभावित करते है. कार्यपालक दंडाधिकारी शिलानाथ सिन्हा ने जब्ती सूची बनायी.
मुजफ्फरपुर के रामनगर का रहनेवाला है सुहाग
रीगा थाना के भोरहा विरता टोला निवासी शातिर अपराधी मोहन बैठा ने अपने पास से बरामद मोबाइल की बाबत पुलिस को कोई जवाब नहीं दे सका. उसने स्वीकार किया कि मोबाइल का सिम चबा गया है. बताया कि दोस्त सुहाग के भतीजा अखिलेश राज के नाम से फरजी आईडी बनाकर फेसबुक चलाते हैं और उस पर अपने मित्रों का फोटो भी शेयर किये हैं. सुहाग का फोटो खींचा था. प्राथमिकी में दोनों बंदियों की उक्त कार्यशैली को गैरकानूनी बताया गया है.
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