शेखपुरा : शहर के बड़ी दरगाह मोहल्ले में आयोजित दो दिवसीय उर्स मेले को लेकर समाजसेवी मुमताज ने बताया कि हजरत मखदुम शाह शोएब जलाल मनेरी के मजार की बगल उनकी पुत्री नन्हें बेबी भी अपने उसी डोली के साथ कब्र में दफन है. जिस डोली पर पिता ने अपने कंधे पर लाडली को दुल्हन के रूप में विदा किया था. दरअसल जलाल मनेरी की पुत्री नन्हे बेबी का विवाह उनके ही पसंद के एक जमींदार पुत्र से हुआ था. लेकिन निकाह दौरान जब नन्हे बेबी को जानकारी मिली कि
उनका शौहर शराबी जुआरी और अय्याश है. तब उन्होंने ससुराल पहुंचते ही अल्लाह की इबादत करते हुए अपनी मौत की इच्छा जतायी और इसी इबादत के दौरान नन्नू बेबी अल्लाह को प्यारे हो गये लेकिन अपनी पुत्री से कोसों दूर बैठे पिता जलाल मनेरी ने जब अपने लोगों को कहा की कब्र खोद दो हमारी पुत्री का जनाजा उसकी डोली पर आ रहा है. सब लोग आश्चर्यचकित हो गये. आखिरकार पुत्री का भी कब्र वहीं बना कर उसी स्थान पर डोली के साथ ही दफन कर दिया गया.