बरबीघा (शेखपुरा) : दिल और वादे निभाने से ज्यादा तोड़ने के लिए किये जाते हैं. चाहे वह समाज के सामने सात जन्मों तक साथ निभाने की कसम ही क्यूं न हो. हंसी मजाक में अक्सर सुने जाने वाले ऐसे कथन को तब सच होता देखा गया जब रविवार को नगर पंचायत के मुहल्ला पर मुहल्ले में पहली पत्नी द्वारा अपने परिजनों के साथ पहुंच कर पिता का श्राद्ध कर रहे अपने पति से चार लाख की मुआवजा राशि की मांगी. मातमी माहौल से गुजर रहे मृतक शंभु प्रसाद के बेटे मुकेश कुमार ने जब अपनी पहली पत्नी बिहारशरीफ के पहाड़ी पर के सुरेश प्रसाद की बेटी नेहा वर्मा को ऐसा व्यवहार करते देखा तो पहले तो बाद में आने की बात कह समझाने-बुझाने की कोशिश की.
पर बात बढ़ जाने पर स्थानीय थाने में आवेदन देकर मुहल्ले वासियों के सहयोग से स्थिति को संभालने का प्रयास किया गया. मुकेश कुमार ने दर्ज मामले में बताया कि पहली पत्नी नेहा वर्मा द्वारा अपनी मरजी से उसके साथ नहीं रहने की इच्छा जताये जाने के बाद पंचों के सामने इकरारनामे पर दस्तखत करा कर उसने दूसरी शादी कर ली है. इधर उसके पिता शंभु प्रसाद की मृत्यु होने पर श्राद्ध कर्म के दौरान अपने परिजनों के साथ पहुंच कर चार लाख का मुआवजा मांगना ससुराल पक्ष द्वारा मानसिक प्रताड़ना है, जबकि नेहा वर्मा के परिजनों द्वारा बेटी को दिये गये दान-दहेज की चीज वापस मांगने की बात बतायी जा रही थी. मातमी माहौल में चले हाइ वोल्टेज ड्रामे को प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद शांत कराया गया.