अनहोनी. पानापुर महादलित टोले में तीस घर क्षतिग्रस्त, सड़क पर रात गुजार रहे लोग
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गांव में दस घर धरासायी, सौंपी रिपोर्ट
अनहोनी. पानापुर महादलित टोले में तीस घर क्षतिग्रस्त, सड़क पर रात गुजार रहे लोग लखीसराय व शेखपुरा के बीच फंसे इस गांव की सुधि लेने वाला नहीं घाटकुसुम्भा : टाल क्षेत्र घाटकुसुम्भा प्रखंड के पानापुर गांव बाढ़ की त्रासदी से अभी उबर भी नहीं सका की एक और प्राकृतिक आपदा ने लोगों को बेघर करना […]
लखीसराय व शेखपुरा के बीच फंसे इस गांव की सुधि लेने वाला नहीं
घाटकुसुम्भा : टाल क्षेत्र घाटकुसुम्भा प्रखंड के पानापुर गांव बाढ़ की त्रासदी से अभी उबर भी नहीं सका की एक और प्राकृतिक आपदा ने लोगों को बेघर करना शुरू कर दिया. सोमे नदी के किनारे बसे इस गांव में अचानक जमींन और मकान धसने से महादलित टोले में मकान गिरने का सिलसिला जारी है. इस घटना में अब तक लाखों का नुकसान हो चुका है. क्षतिग्रस्त मकानों की स्थिति मरम्मत के लायक नहीं रह गया है. इस घटना में अब तक बीस महादलितों के मकानों में दरार आने से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है.जबकि दस महादलितों का घर पूरी तरह धरासायी हो गया है.
इस घटना के वाद तीसों प्रभावित परिवार सरकारी भवन,आस पड़ोस के घरों के अलावे सड़क पर रात गुजारने को विवस है .आलम यह है कि पिछले तीन दिनों से लगातार जमीन और मकान धसने का क्रम जारी रहने से दहशत है.
इस घटना में पानापुर गांव के महादलित चनो मोची ,मंटू मोची ,दुखी मोची,दशरथ मोची,मनोज मोची,राजो मोची,भोला मोची, शंकर मोची, परशुराम राम, ब्रहमदेव मोची, अशोक मोची समेत अन्य लोगों का घर धरासाई हो गया है.
जबकि इस घटना में बीस अन्य परिवारों के घर दो फुट से लेकर छह इंच तक की गहराई में धस गया है. दरसल पानापुर पंचायत का राजस्व लखीसराय जबकि जिला शेखपुरा में है .इसके कारण पीड़ित परिवारों की सुधि लेने वाला नहीं है. बारिस के मौसम में हरोहर और टाटी नदियों में उफान से पूरा टाल क्षेत्र डूब जाता है. इसवार अधिक बारिस के कारण नदियों में पानी की धार काफी तेज थी .
साथ ही लंबे समय तक टाल क्षेत्र डूबा रहा .इसके वाद अब नदियों के जलस्तर में जैसे जैसे कमी आ रही है वैसे वैसे इसका असर आबादी पर दिखने लगा है.जमीन धसान से प्रभावित परिवारों का जायजा लेने पहुंचे प्रखंड प्रमुख अवधेश कुमार ने बताया की स्थिति काफी दैयनीय है. इधर घात कुसुम्भा बीडीओ रामबहादुर प्रसाद ने बताया की घटना की लिखित सुचना जिलाधिकारी एवं डीडीसी दे दी गयी है.
जमीन धंसने से मकानों में आयी दरार .
क्या है मामला
दरअसल बीस साल पहले घाटकुसुम्भा प्रखंड की स्थापना तत्कालीन लालू प्रसाद यादव की सरकार में हुई थी.इस दौरान प्रखंड में पांच पंचायतों को शामिल किया गया था .लेकिन सबसे बड़ी बिडम्बना यह है की पानापुर पंचायत का प्रखंड शेखपुरा जिला तो आ गया लेकिन अंचल और राजस्व का अधिकार लखीसराय जिले में ही रह गया.
इस दोहरी व्यवस्था की मार झेल रहे पंचायत के लोगों के सामने बीस साल बाद भी वही समस्या खड़ी है.चुनाव में नेता और प्रत्याशी वायदे तो करते हैं. लेकिन चुनाव बीतने के वाद उसे भूल जाते हैं.पीड़ितों की माने तो नेता अपनी राजनीति ज़िंदा रखने के लिए मुद्दे से आम लोगों को निजाद दिलाना नहीं चाहते हैं.
घटना से परेशान पानापुर गांव के ग्रामीण .
त्रासदी से सहमा टाल क्षेत्र
पलायन को हैं विवश
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