अनदेखी. बिचौलिये कर रहे फर्जी दस्तावेज का कारोबार
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अधिकारी ने किया अलर्ट
अनदेखी. बिचौलिये कर रहे फर्जी दस्तावेज का कारोबार कार्यालय पहुंच सीधे फाॅर्म जमा करने की की अपील शेखपुरा़ : परिवहन कार्यालय के कामकाज को लेकर बिचौलियों का सहारा लेने वाले वाहन मालिक अब ठगी के शिकार होने लगे हैं. रुपये की लालच में कई लोगों को बिचौलियों ने राशि ऐंठ कर उन्हें फर्जी दस्तावेज दे […]
कार्यालय पहुंच सीधे फाॅर्म जमा करने की की अपील
शेखपुरा़ : परिवहन कार्यालय के कामकाज को लेकर बिचौलियों का सहारा लेने वाले वाहन मालिक अब ठगी के शिकार होने लगे हैं. रुपये की लालच में कई लोगों को बिचौलियों ने राशि ऐंठ कर उन्हें फर्जी दस्तावेज दे दिया है. जिले में यह खेल ज्यादातर ट्रांसफर, एपी एवं एनओसी के मामले में हो रहा है. जिले में फर्जी दस्तावेज के इस खेल को स्वयं जिला परिवहन पदाधिकारी मो. कामिल अख्तर ने पकड़ा है.
साथ ही, वाहन संचालकों को किसी भी काम के लिए सीधे परिवहन कार्यालय पहुंच कर स्वयं आवेदन जमा कर प्राप्ति रसीद पाने व पुन: दस्तावेज को नियत अवधि में स्वयं प्राप्त करने की अपील की है. जिला परिवहन पदाधिकारी ने यह भी कहा कि अगर कार्यालय में किसी बिचौलियों को पकड़ा गया. अथवा किसी भी वाहन मालिक को विभागीय कामकाज निबटाने के लिए स्वयं आकर बिचौलियों के हाथों काम करवाते पकड़े गये तब उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जायेगी.
परिवहन कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस निबंधन से लेकर वाहन के अन्य कार्यों के लिए सरकारी शुल्क निर्धारित है. विभागीय दफ्तर में अलग-अलग काउंटर पर ऑनलाइन सेवा के तहत कर्मी तैनात है. वहां जाकर शुल्क जमा करने के साथ-साथ बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के सही काम करवाने का लाभ देने की व्यवस्था है.
व्यावसायिक वाहनों में फर्जी खेल :
जिले में एक तो निजी वाहनों का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर व्यावसायिक वाहन संचालकों के द्वारा वाहन जांच में विभाग और पुलिस को चकमा देकर फर्जी इंश्योरेंस देकर तैयार कर वाहनों का संचालन कर रहे हैं. इस खेल में जहां वाहन मालिक स्वयं असुरक्षित तो हैं, साथ ही यात्री और राहगीरों के जीवन से भी खिलवाड़ किया जा रहा है.
क्या है मामला : दरअसल परिवहन कार्यालय के बाहर बजाप्ता अपनी दुकान चला रहे कुछ बिचौलिये लंबे समय से अपना नेटवर्क खड़ा कर वाहनों का निबंधन ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर अन्य कार्यों को अंजाम दे रहे हैं. हाल के दिनों में कंप्यूटराइज्ड व्यवस्था और संसाधनों से लैस परिवहन कार्यालय में जब बिचौलियों के दाल नहीं गल रहे तो वे फर्जी दस्तावेज का नया फंडा अपना रहे हैं. साथ ही, विभाग के राजस्व को चूना लगा कर अपनी गाढ़ी कमाई को अंजाम दे रहे हैं.
परिवहन कार्यालय अब हाइटेक संसाधनों से लैस है. यहां वाहन संचालन में दस्तावेज संबंधित कार्य में पूरी पारदर्शिता है. इसके बावजूद लोग बिचौलियों के चंगुल में फंस रहे हैं. इसका दुष्परिणाम कई फर्जी दस्तावेज भी सामने आया है. जिसका कार्यालय में लेखा-जोखा नहीं है.
कामिल अख्तर, जिला परिवहन कार्यालय शेखपुरा़
कैसे हो रहा खेल :
दरअसल बिचौलिये और वाहन मालिक यह खेल समाहरणालय के ईद-गिर्द संचालित प्रिंटिंग प्रेस के डिजाइनर और साइबर कैफे और स्टूडियो की मदद से खेला जा रहा है.
जांच के विभिन्न बिंदुओं पर विचार-विमर्श
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