एकलौते बेटे की मौत पर मां के चीत्कार से दहल उठा गांव
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बुझ गेलो खनदनमा के चिराग हो बेटा
एकलौते बेटे की मौत पर मां के चीत्कार से दहल उठा गांव विद्यालय परिसर में रखे तीनों शवों को देखने जुटी सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ टाटी नदी में डूबने से एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत शेखपुरा : बुझ गेलो खनदनमा के चिराग हो बेटवा, हम ही जिद कर के बोलबैलियों मिल गैलो […]
विद्यालय परिसर में रखे तीनों शवों को देखने जुटी सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़
टाटी नदी में डूबने से एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत
शेखपुरा : बुझ गेलो खनदनमा के चिराग हो बेटवा, हम ही जिद कर के बोलबैलियों मिल गैलो मौतवा हो बेटा जी. रविवार की सुबह अवगिल गांव में मां के चीत्कार से गांव वालों का दिल दहल उठा. इस घटना से गांव का अधिकांश चूल्हा चौका बंद रहा. घटना के बाद गांव के सरकारी विद्यालय परिसर में रखे तीनों शवों को देखने सैकड़ों ग्रामीण जुट गये. अपने एकलौते बेटे की मौत पर मां अंजु देवी हर दो मिनट में बेहोश हो रही थी.
खुद को गुनाहगार बता रही मां बस एक ही बात बार-बार दोहरा रही थी. बेटा सूरज दो दिन बाद आना चाह रहा था. वह पढ़ाई बाधित होने की बात कर तिलक फलदान के दिन नहीं आना चाहता था, लेकिन मां के ही बुलावे पर अपने आप को नहीं रोक सका. रविवार की सुबह सात बजे पहुंचा ही था.
मां अपने एकलौते लाडले से ठीक से मिल भी नहीं सकी थी, कि वह घर से बाहर निकल गया. वापस वह तो नहीं लौटा, उसकी मौत की खबर मिली. इस खबर ने शादी की खुशियों को मातम में तब्दील कर दिया. साथ ही मां के सिर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया. इधर एकलौती बहना छोटी भी राखी के लिए सूरज के वायदे को बार-बार दोहरा रही थी. इस घटना से पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है.
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