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कोर्ट के सीमांकन और सुरक्षा का मुद्दा छाया रहा

शेखपुरा : जिला विधिक मॉनिटरिंग सेल की बैठक में शुक्रवार को कोर्ट भूमि का सीमांकन तथा कोर्ट सुरक्षा का मामला छाया रहा. जिला जज आलोक कुमार पांडेय की अध्यक्षता में सेल की बैठक आयोजित की गयी थी. बैठक में सभी न्यायिक पदाधिकारी के साथ जिलाधिकारी दिनेश कुमार, एसपी राजेंद्र कुमार भील तथा स्वास्थ्य, भवन निर्माण, […]

शेखपुरा : जिला विधिक मॉनिटरिंग सेल की बैठक में शुक्रवार को कोर्ट भूमि का सीमांकन तथा कोर्ट सुरक्षा का मामला छाया रहा. जिला जज आलोक कुमार पांडेय की अध्यक्षता में सेल की बैठक आयोजित की गयी थी.

बैठक में सभी न्यायिक पदाधिकारी के साथ जिलाधिकारी दिनेश कुमार, एसपी राजेंद्र कुमार भील तथा स्वास्थ्य, भवन निर्माण, नगर परिषद् आदि के अधिकारी के साथ जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह, महासचिव विपिन कुमार, लोक अभियोजक उदय नारायण सिन्हा आदि भी मौजूद थे.
अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने बताया कि बैठक में कोर्ट भूमि के सीमांकन को लेकर एक राय नहीं बनने के बाद अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गयी. बैठक में न्यायालय परिसर में एक दर्जन सीसीटीवी कैमरा लगाने तथा जिला न्यायालय भवन के ऊपरी तल पर जाने के लए लिफ्ट लगाने का निर्णय लिया गया. कोर्ट की सुरक्षा को लेकर दोनों मुख्य द्वार पर मेटल डिटेक्टर लगाने और चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात करने को कहा गया है. बैठक में न्याय के साथ निष्पादन के लए एसपी को दस वर्ष के पुराने मामले में शीघ्र आरोप पत्र दाखिल करने को कहा गया. पुलिस और डॉक्टर के गवाही के लिए न्यायालय में हाजिरी सुनिश्चित करने को कहा गया. जिला विधिक मॉनिटरिंग सेल की बैठक में सिविल सर्जन को न्यायालय परिसर में प्रतिदिन डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी को तैनात करने को कहा गया है. बैठक में जिला जज ने वन विभाग के अधिकारी को कोर्ट परिसर को हराकरने का निर्देश दिया है. न्याय निष्पादन के लिए किये जाने वाले विभिन्न उपायों पर चर्चा की गयी ताकि उस संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये.
किसानों की बढ़ायीं मुश्किलें
बांग्लादेश बाॅर्डर पर प्याज के वाहनों के प्रवेश पर रोक
जो किसान प्याज फसल के भंडारण की व्यवस्था में रखते हैं उन्हें तो एक विकल्प है. लेकिन अक्षम किसान खेतों में ज्यादा समय तक प्याज खेतों में नहीं रख सकते. इसके लिए औने-पौने भाव में महाजनों के यहां बेचने को विवश है. दरअसल ऐसे हालातों में कुछ लोग प्याज की कम कीमतों में खरीद कर उसका भंडारण करते हैं और उचित समय पर अच्छी कीमत वसूल कर मुनाफा कमाते हैं.
एक सप्ताह के लिए लगायी रोक
औने-पौने भाव में महाजनों के यहां बेचने को विवश
शेखपुरा. अगले एक सप्ताह तक बांग्लादेश को जाने वाली प्याज के वाहनों का प्रवेश पर रोक लगा दिये जाने से एक बार फिर प्याज उत्पादकों की स्थिति बिगड़ने लगी है. आलम यह है कि पहले से ही तीन सौ रुपये प्रति मन की कम कीमत पर प्याज बेचने को विवश किसानों के लिए खरीदार नहीं मिल रहे हैं. इस हालत में जो किसान प्याज फसल के भंडारण की व्यवस्था में रखते हैं उन्हें तो एक विकल्प है. लेकिन अक्षम किसान खेतों में ज्यादा समय तक प्याज खेतों में नहीं रख सकते. इसके लिए औने-पौने भाव में महाजनों के यहां बेचने को विवश है.
दरअसल ऐसे हालातों में कुछ लोग प्याज की कम कीमतों में खरीद कर उसका भंडारण करते हैं और उचित समय पर अच्छी कीमत वसूल कर मुनाफा कमाते हैं. जिले में प्याज उत्पादक किसान इस वर्ष फसल की कीमतों में भारी गिरावट से पहले भी भारी नुकसान का सामना कर रहे थे. अच्छी फसल के बावजूद कृषकों को इस वर्ष प्याज की खेती फिलहाल नुकसान दायी बताया जा रहा है.
बॉर्डर पर लगी रोक :
दरअसल बांग्लादेश में किसी बांध निर्माण को लेकर बिहार एवं अन्य राज्यों से बड़े पैमाने पर पत्थर की ढुलाई की जा रही है. ऐसे में बॉर्डर एरिया मेहंदीपुर से सुस्तानी मोड़ तक पूरी तरह जाम की स्थिति बन गयी है. जाम की स्थिति लगभग 15 किमी लंबे सड़क मार्ग पर है. ऐसे में पत्थर ढुलाई जारी रखने के लिए प्याज के वाहनों पर पाबंदी लगा दी गयी है. बांग्लादेश में प्रवेश को लेकर प्याज फसल से लदी वाहनों को प्राथमिकता सूची में तीसरे स्थान पर रखा गया है.
इसमें पहले स्थान पर पत्थर, दूसरे स्थान पर फल एवं सब्जियां तथा तीसरे स्थान पर प्याज एवं चौथे स्थान पर अनाज एवं अन्य सामग्रियों को रखा गया है. इन्हीं प्राथमिकताओं के आधार पर वाहनों के बार्डर में प्रवेश की बारी आयेगी. बिहार समेत शेखपुरा के प्याज का बांग्लादेश में खास मांग है. ऐसे में पिछले दो दिनों से प्याज के वाहनों के प्रवेश पर लगी रोग को लेकर कारोबारियों के वाहनों के प्रवेश पर लगी रोग को लेकर कारोबारियों एवं प्याज उत्पादकों की परेशानियां बढ़ गयी है.
जानकारी के मुताबिक यह जाम अगले 30 मई तक कायम रहेगा.
क्या कहते हैं लोग :
पांच बीघे प्याज की खेती की थी. इसमें मुनाफे की उम्मीद से कर्ज लेकर खेती में पूंजी लगायी थी, लेकिन तीन दिनों से बाजार में कोई खरीदार नहीं मिल रहा है. प्याज कृषकों के लिए सरकार का कोई ध्यान ही नहीं है. किसान बरबाद हो रहे हैं.
– नुनू लाल यादव, कृषक, ग्राम -बरूई, शेखपुरा
पिछले तीन दिनों से प्याज बेचने को सौ से डेढ़ सौ किसान आकर दबाव बनाते हैं. बॉर्डर पर रोक से प्याज खरीद का कोई विकल्प ही नहीं है. सामान्य तौर पर 25 से 30 ट्रक प्याज शेखपुरा से बांग्लादेश के लिए निर्यात किया जाता है, लेकिन फिलहाल कारोबार ठप है.
शंकर कुमार, प्याज कारोबारी, दल्लु चौक, शेखपुरा
60 दिनों में करना होगा निबटारा : डीएम

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