शेखपुरा : अंतिम संस्कार के लिए मुंगेर और सिमरिया गंगा घाट जाने से राहत मिलने के दिन जल्द आने वाले है. शेखपुरा के मुरारपुर गांव के सीमा क्षेत्र में मुक्तिधाम का निर्माण कराया जायेगा. लगभग एक करोड़ की लागत से योजना का क्रियान्वित की जायेगी. इस योजना में लोगों को मुक्तिधाम स्थल पर नागरिक सुविधाओं को बहाल कर यहां शवदाह की व्यवस्था की जायेगी.
विद्युत शवदाह की होगी व्यवस्था : मुरारपुर स्थित टाटी नदी के किनारे बनने वाले इस मुक्तिधाम के लिए दो तरह की व्यवस्था बहाल की जायेगी. मुक्तिधाम पर एक विद्युत शवदाह और दो मैनुअल शवदाह गृह का निर्माण किया जायेगा. सरकार के इस बड़े और महत्वाकांक्षी योजना में लोग अपने ही जिले में शवदाह करने की व्यवस्था का लाभ ले सकेंगे.
सुविधा से होगा लैस होगा मुक्तिधाम : शेखपुरा में मुक्तिधाम का निर्माण अन्य नागरिक सुविधाओं से भरा पूरा होगा. मुक्तिधाम के लिए चिह्नित स्थान पर शेड, पेयजल, रोशनी के अलावा अन्य सुविधाएं भी रहेंगी. फिलहाल गरीब परिवार के लोग भी मुरारपुर गांव से सटे टाटी नदी के समक्ष सुनसान स्थान पर शवदाह करते हैं.
जिले में पहला शवदाह की योजना का क्रियान्वयन
शवदाह के लिए जिले में पहली योजना का क्रियान्वयन की जा रहा है. पुरानी परंपरा में मृतक के आश्रितों को मुंगेर और बाढ़ के सिमरिया जाने वर्तमान व्यवस्था में यातायात के लिए बड़ी रकम खर्च परेशानी का सबब बना है.
लगभग सौ किलोमीटर एवं सिमरिया घाट के लगभग 50 किलोमीटर लंबी दूरी का सफर तय करना पड़ता है. इस सफर में सड़क हादसे का भी दर बना रहता है. मुक्तिधाम की नयी व्यवस्था से लोगों को राहत मिल सकेगी. ऐसी परिस्थिति में लोगों को परिवार के किसी सदस्य की मौत के गम से निजात मिले न मिले, लेकिन अंतिम संस्कार के लिए जो खर्चे का बोझ उठाना पड़ता है. वह भी एक यातना से कम नहीं है.
