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जीएनएम कॉलेज में उड़ रहीं परिवहन नियमों की धज्जियां

शेखपुरा : देश भर में नये परिवहन एक्ट को लेकर चाहे जितना भी प्रशासनिक सख्ती की जाये, लेकिन इसका असर शेखपुरा के जीएनएम कॉलेज में नहीं दिख रहा है. यहां यात्री बस पर क्षमता से अधिक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं महिला अभ्यर्थियों को ढोया जा रहा है. यहां क्षमता से अधिक अभ्यर्थी ढोये जाने […]

शेखपुरा : देश भर में नये परिवहन एक्ट को लेकर चाहे जितना भी प्रशासनिक सख्ती की जाये, लेकिन इसका असर शेखपुरा के जीएनएम कॉलेज में नहीं दिख रहा है. यहां यात्री बस पर क्षमता से अधिक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं महिला अभ्यर्थियों को ढोया जा रहा है.

यहां क्षमता से अधिक अभ्यर्थी ढोये जाने की स्थिति में जहां नये मोटर व्हीकल एक्ट की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं. वहीं प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अभ्यर्थियों को जोखिम भरी यात्रा करने को मजबूर किया जा रहा है. दरअसल गिरिहिंडा में संचालित जीएनएम कॉलेज से प्रशिक्षण के दौरान 50 से 60 अभ्यर्थियों को कॉलेज से सदर अस्पताल लाया जाता है.
लगभग तीन किलोमीटर के सफर में प्रशिक्षण से खचाखच भरे यात्री बस में प्रशिक्षुओं को ऊमस भरी गर्मी और अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसी परिस्थिति में नियमों की अनदेखी कर रहे जीएनएम कॉलेज के अंतर्गत संचालित बस संचालक और प्रबंधन के विरुद्ध अब तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है.
दो के बदले एक खेप में ही ढोये जाते हैं अभ्यर्थी : जानकारों की माने तो यात्री बस में 30 से 35 पैसेंजर बैठना बस की सीटिंग क्षमता होती है. उससे अधिक यात्री को बिठाकर सफर करना परिवहन नियमों के विरुद्ध है.
स्थिति में जीएनएम कॉलेज कि 50 से 55 अभ्यर्थियों को ढोने के लिए दो खेप लगाने की आवश्यकता है. लेकिन जीएनएम कॉलेज प्रबंधन और बस संचालक के द्वारा नियमों और जोखिमों की अनदेखी कर मनमानी को अंजाम दिया जा रहा है. ऐसी परिस्थिति में कृषि विभाग अनहोनी की घटना घट सकती है.
क्या होती है परेशानी: क्षमता से अधिक प्रशिक्षु यात्रियों को बस पर बैठाना बड़ी परेशानी का सबब है. दरअसल शहरी क्षेत्र में यात्रा के दौरान कई जगहों पर जाम की स्थिति बनी रहती है. जाम के दौरान यात्री बस के अंदर क्षमता से अधिक यात्री होने के दौरान भीषण उमस की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. प्रशिक्षु यात्री की मानें तो सीट के अलावा चालक के केबिन और जहां तहां खड़े होकर भी यात्रा करनी पड़ती है. ऐसे में आये दिन चोट लगने की आशंका भी बनी रहती है.
क्या कहते हैं अधिकारी
यात्री बस क्षमता की सिटिंग से अधिक पैसेंजर को बैठाना दंडनीय अपराध है. क्षमता से अधिक पैसेंजर बैठाने से दुर्घटना भी घट सकती है या आपात स्थिति में किसी हादसे पर नियंत्रण पाने में परेशानी भी बढ़ सकती है. ऐसी परिस्थिति में सीट से अधिक प्रति यात्री दो सौ रूपये के जुर्माने की राशि वसूलने का प्रावधान है.
शशि शेखर, जिला परिवहन पदाधिकारी, शेखपुरा
Prabhat Khabar Digital Desk
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