शेखपुरा : जिले में कुपोषण को अभियान चलाकर भगाया जायेगा. इस अभियान में 16 विभागों को सम्मिलित किया गया है. सभी टीम भावना से कार्य करेंगे और जिले से कुपोषण को मुक्त करने में सक्रिय सहयोग करेंगे. जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि 6-14 वर्ष के सभी बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए सरकार के द्वारा चलाये जा रहे सभी योजनाओं को लागू करें.
कुपोषण से मुक्त करने के लिए बच्चों को समय-समय पर विभिन्न प्रकार की टैबलेट दिये जाते हैं. जिसका वितरण पंजी का संधारण एवं बच्चों को ससमय देना सुनिश्चित करेंगे. जिले को कुपोषण से मुक्त करने के लिए 30 दिवसीय एक माइक्रो प्लान भी बनाया गया है.
जिसका अनुपालन सभी पदाधिकारियों को करने का निर्देश दिया गया है. उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों को सम्मानित भी किया जायेगा. जिलाधिकारी इनायत खान की अध्यक्षता में समाहरणालय के मंथन सभागार में राष्ट्रीय पोषण सेमिनार का द्वीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया गया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 1-30 सितंबर तक जिले में पोषण जागरूकता अभियान चलाया जायेगा.
उन्होंने बीडीओ, सीओ, सीडीपीओ और वरीय पदाधिकारी को निर्देश दिया कि दो सप्ताह के अंदर आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और विद्यालयों का औचक निरीक्षण करना सुनिश्चित करें और निरीक्षण प्रतिवेदन ससमय उपलब्ध कराएं. 12 सितंबर को शेखोपुरसराय प्रखंड में स्वास्थ्य कैंप लगाया जायेगा. 25 सितंबर को घाटकुसुम्भा प्रखंड में पोषण मेला आयोजित करने का निर्देश दिया. उन्होंने स्पष्ट कहा कि ग्राम, स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण दिवस पर फोकस करना है.
डीपीओ व सुपरवाइजर को नहीं है पता आंगनबाड़ी का हाल
जिले में 716 आंगनबाड़ी केंद्र कार्यरत हैं. डीपीओ को निर्देश दिया गया है कि विभागीय आदेश के आलोक में प्रतिमाह 15 तारीख को गुणवत्ता के साथ टीएचआर वितरण कराना सुनिश्चित करें. टीएचआर के बारे में पूछने पर डीपीओ, सीडीपीओ और महिला सुपरवाइजर ने सही-सही जानकारी नहीं दे पाये. इसको जिलाधिकारी ने काफी गंभीरता से लिया है और कहा कि सरकार की योजनाओं की पूरी जानकारी रखें और वांछित लोगों को ससमय लाभ देना सुनिश्चित करें.
डीपीओ, आइसीडीएस को भी कर्तव्य का पाठ पढ़ाया गया. आशा, एएनएम, ममता और सेविका को भी कुपोषण मुक्त जिला बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी. सेमिनार के अंत में सभी को पोषण के संबंध में शपथ दिलायी गयी.
