16.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

प्यास बुझाने के लिए जमुई जिले की सीमा लांघ रहे वंसीपुर गांव के लोग

शेखपुरा : जिले में ग्रामीण और उनके मवेशियों को पानी आपूर्ति करने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा किये जा रहे दावे ग्रामीण कागजी करार दे रहे हैं. जिले के चेवाड़ा प्रखंड के वंसीपुर गांव जहां ग्रामीण और उनके मवेशियों को प्यास बुझाने के लिए लगभग दो किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. इतना […]

शेखपुरा : जिले में ग्रामीण और उनके मवेशियों को पानी आपूर्ति करने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा किये जा रहे दावे ग्रामीण कागजी करार दे रहे हैं. जिले के चेवाड़ा प्रखंड के वंसीपुर गांव जहां ग्रामीण और उनके मवेशियों को प्यास बुझाने के लिए लगभग दो किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. इतना ही नहीं, गांव के लोग समूह बनाकर पड़ोस के जमुई जिले की सीमा पार कर छतियैनी गांव के बधार से पानी लाने को विवश हैं.

पिछले दो माह से गांव में पेयजल की स्थिति को लेकर लोग हैरान हैं. लगभग डेढ़ सौ परिवारों के इस गांव में जलापूर्ति योजना के नाम पर मात्र चापाकल ही एकलौता विकल्प है. गांव के अधिकांश चापाकल खराब पड़े हैं. ग्रामीण इन दिनों पानी की जरूरतों को पूरा करने में अपना अधिकांश समय व्यतीत कर रहे हैं.
जमुई के छतियैनी बधार से पानी लाती हैं महिलाएं : महादलित बहुल इस गांव में पिछले दो माह से पेयजल की किल्लत इस कदर ग्रामीणों को सता रही है कि लोग परेशान हैं. इस बाबत गांव के देवकी देवी, कुंती देवी, अनरवा देवी, ओमकार मांझी ने बताया कि घर के सदस्यों की प्यास बुझाने के साथ मवेशियों के लिए भी पानी की जरूरतों को पूरा करना एक बड़ी चुनौती है.
उन्होंने कहा कि सुबह सूर्योदय होते ही गांव के सभी लोग एकत्रित होकर अपने मवेशियों के साथ जमुई जिले की सीमा को लांघ कर छतियैनी बधार पहुंचते हैं, जहां स्थानीय किसानों की सिंचाई की बोरिंग से पानी लेकर खेतों से गुजर कर अपना गांव पहुंचते हैं.
क्या हैं पारिवारिक हालात
वंशीपुर गांव महादलित बहुल गांव है. यहां के लोगों के जीविका का मुख्य स्रोत मजदूरी है. चाहे वह अपने गांव की खेती में मजदूरी का काम करते हों या शहर और दूसरे राज्यों में रहकर मजदूरी से अपना जीवन यापन कर रहे हों. ऐसी परिस्थिति में यहां महादलित परिवारों को खुद अपनी जरूरतों के लिए बोरिंग करवा कर पानी की व्यवस्था करना आसान नहीं है.
ग्रामीणों में रितेश कुमार, शंकर मांझी ने बताया कि जल स्तर भी लगभग सौ फुट पार कर गया है. ऐसे में सरकारी चापाकलों की अगर मरम्मत भी करा दी जाये, तब वह नियमित रूप से पानी नहीं उगल पाता है.
चुनावी परिसीमन बन रही बाधा
चेवाड़ा प्रखंड की लोहान पंचायत के वंसीपुर गांव विकास योजनाओं से लेकर जलापूर्ति की व्यवस्था तक में उपेक्षा झेल रहा है. चुनावी परिसीमन में ग्रामीणों के अधिकारों की अनदेखी आज भी गांव के विकास पर ग्रहण लगाये है. दरअसल डेढ़ सौ परिवारों वाले इस गांव में मतदान केंद्र आज तक नहीं बना है.
गांव में लगभग तीन सौ मतदाता हैं, जिन्हें मतदान के लिए चार किलोमीटर दूर लोहान गांव स्थित मतदान केंद्र पर जाना पड़ता है. पंचायत में अन्य चार गांव ऐसे हैं, जहां की स्थिति समान है. ऐसी परिस्थिति में चुनावी परिणामों को प्रभावित करने वाला यह परिसीमन लोगों के उपेक्षा का कारण बन रहा है.
क्या कहते हैं अधिकारी
वंशीपुर गांव में पेयजल संकट की समस्या को लेकर पूर्व मुखिया वाल्मिकी यादव के द्वारा अवगत कराया गया था. इसके बाद तत्काल वहां चापाकल मरम्मत कराने और टैंकर से पानी आपूर्ति करने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी गयी है.
विजय कुमार, कार्यपालक अभियंता पीएचइडी, शेखपुरा
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel