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गबन के आरोप में मुखिया बर्खास्त, वसूल होगी राशि

शेखपुरा : चेवाड़ा प्रखंड की एकरामा ग्राम पंचायत के मुखिया पिंकू कुमार को पदच्युत कर दिया गया. ग्राम पंचायत की योजनाओं में गड़बड़ी को लेकर राज्य सरकार ने मुखिया को बर्खास्त कर दिया है. सरकार ने मुखिया के साथ तत्कालीन पंचायत सचिव उमाकांत कुमार के विरुद्ध नीलाम वाद दायर कर गबन की गयी राशि को […]

शेखपुरा : चेवाड़ा प्रखंड की एकरामा ग्राम पंचायत के मुखिया पिंकू कुमार को पदच्युत कर दिया गया. ग्राम पंचायत की योजनाओं में गड़बड़ी को लेकर राज्य सरकार ने मुखिया को बर्खास्त कर दिया है. सरकार ने मुखिया के साथ तत्कालीन पंचायत सचिव उमाकांत कुमार के विरुद्ध नीलाम वाद दायर कर गबन की गयी राशि को वसूल करने का आदेश भी दिया है.

फिलहाल मुखिया और पंचायत सेवक उमाकांत कुमार सरकारी राशि गबन के मामले में इस समय जेल में बंद हैं. अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बर्खास्त किये गये मुखिया पर नियमों का उल्लंघन कर ग्राम सभा का आयोजन पंचायत मुख्यालय एकरामे में नहीं कर अपने गांव कमरा में करने का आरोप है.

इसके अलावा मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत ग्रामीण गली नाली निर्माण एवं हर घर नल जल योजना में मुखिया ने मनमाने ढंग से अपनी मर्जी के मुताबिक योजनाओं का चयन कर बड़े पैमाने पर सरकारी राशि की हेराफेरी की थी. मुखिया ने पंचायत सचिव के साथ मिलकर सात निश्चय की योजनाओं के लाखों रुपये का चेक पंचायत सचिव के साथ मिलकर काट दिया और बैंकों से राशि की निकासी कर ली.
मुखिया के विरुद्ध शिकायत मिलने पर चेवाड़ा बीडीओ, एसडीओ तथा सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को मिलाकर तीन सदस्य जांच टीम का गठन किया गया था, किंतु मुखिया ने अपने मनमानी का परिचय देते हुए जांच दल को किसी भी प्रकार का अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया था. जांच में विभिन्न योजनाओं के तहत किये गये निर्माण को घटिया तथा नियमों के विरुद्ध पाया गया.
नियमों से ऊपर समझता था मुखिया
मुखिया पर लगे आरोपों के बाद पंचायती राज विभाग ने मुखिया के विरुद्ध कार्रवाई प्रारंभ की. बर्खास्त किये गये मुखिया के विरुद्ध गंभीर आरोपों को लेकर डीएम ने मुखिया को उपस्थित होकर पंचायती राज विभाग स्तर पर अपना पक्ष रखने को कहा था, किंतु मुखिया ने हठधर्मिता का परिचय देते हुए अपना पक्ष नहीं रखा और टालमटोल करते रहे. मामले की लंबी सुनवाई के बाद पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने मुखिया को पंचायती राज कानून के तहत पद से बर्खास्त कर दिया है.
उधर जिला पंचायती राज पदाधिकारी प्रमोद कुमार राम ने बताया कि पंचायत राज विभाग ने बर्खास्त मुखिया के कार्यकाल के दौरान क्रियान्वित योजनाओं की टीम गठित कर जांच करने का आदेश दिया है. इसके अलावा मुखिया तथा पंचायत सचिव उमाकांत कुमार के विरुद्ध नीलाम वाद दायर कर गबन की गयी राशि को वसूल करने को भी कहा है. न्यायालय से जमानत की गुहार लगायी जा रही है.
इसके अलावा मुखिया के खिलाफ 2015 का एक हत्या का केस भी न्ययालय में लंबित है. उक्त केस में गाव के डीलर श्यामली सिंह की हत्या का आरोप है. हालांकि हत्या के इस मामले में मुखिया को जमानत की सुविधा प्राप्त है. मुखिया पर पंचायती राज विभाग के चले इस डंडे के बाद जिले के अन्य मुखिया में भी भय व्याप्त हो गया है, जबकि आमजन में इस कार्रवाई के बाद पंचायती राज व्यवस्था में विकास कार्य में तेजी और उसके कामकाज में पारदर्शिता आने की आस जगी है.

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