डुमरा : हर लोगों की कोशिश होती है कि चाहे जैसे हो सरकारी योजनाओं का लाभ ले लें. अगर वह मापदंड पूरा नहीं भी करता है तो बीच का रास्ता निकाल कर संबंधित योजना के लाभार्थियों की सूची में अपना नाम शामिल करा लेता है. खास कर एपीएल श्रेणी के लोग बीपीएल की सूची में अपना नाम शामिल करा लेते है और लाभ उठाने लगते है. ऐसे लोगों के लिए नगर परिषद के वार्ड नंबर 12 की सीमा देवी एक नजीर पेश की है.
सीमा ने वैसे लोगों को एक बड़ा सबक दिया है, जो हर लिहाज से ठोस होने के बावजूद कागज में आर्थिक रूप से कमजोर बन जाते है और गरीबों की हकमारी करते है. दरअसल, सीमा ने माना है कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के नियमों के तहत अब वह सरकारी राशन लेने की हकदार नहीं है तो बिना किसी कहे वह खुद अपना राशन कार्ड प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के यहां भेजवा दी है. उसके पति शत्रुघ्न प्रसाद गुप्ता ने एमओ राकेश रंजन को शनिवार को राशन कार्ड वापस कर दिया. एमओ श्री रंजन का कहना था कि काश! सीमा की तरह औरों की सोच होती.
बताया कि यह पहली उपभोक्ता है, जो स्वेच्छा से राशन कार्ड लौटा दी है. अन्य लोगों से भी उनकी अपील है कि अगर सक्षम है तो गरीबों के हक में अपना राशन कार्ड लौटा दे.
इन्हें नहीं मिलना है लाभ
ताजा नियमों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों के वैसे लोग खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन लेने को पात्र नहीं है, जिनके पास तिपहिया वाहन हो, सरकारी सेवक, सरकार में पंजीकृत गैर कृषि उद्योग वाले परिवार व परिवार का कोई सदस्य 10 हजार रुपये प्रति माह से अधिक कमाता हो. राशन लेने को पात्र नहीं है. आयकर व व्यवसायी कर अदा करने वाले, पक्का का मकान, एक सिंचाई उपकरण के साथ 2.5 एकड़ सिंचित भूमि, दो या उससे अधिक फसल मौसम के लिए पांच एकड़ अथवा इससे अधिक सिंचित भूमि वाले भी उक्त योजना के पात्र नहीं होंगे.
शहरी क्षेत्र के लिए मापदंड
शहरी क्षेत्र के वैसे लोग जिनके पास तीन कमरे या उससे अधिक पक्का का मकान हो, दोपहिया वाहन, रेफ्रीजरेटर, वाशिंग मशीन, चारपहिया वाहन वाले भी पात्र नहीं होंगे. इधर, आयकर अदा करने वाले, वर्ग एक, दो व तीन श्रेणी के सरकारी सेवक वाले किसी परिवार के सदस्य, व्यवसायिक कर आद करने वाले एवं तीन कमरे या उससे अधिक कमरे के पक्का मकान वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोग भी पात्र नहीं होंगे. सरकार ने स्पष्ट करत दिया है कि उक्त श्रेणी के लोग स्वेच्छा से राशन कार्ड जमा नहीं करते है तो जांच के दौरान अपात्र पाये जाने पर नियमानुसा कानूनी कार्रवाई की जाएगी.