पुपरी : राज्य सरकार के स्तर से स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के बड़े-बड़े दावे किये जाते है, पर लापरवाही के चलते मरीजों को समुचित चिकित्सा सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा है. स्थानीय पीएचसी का बुरा हाल है. भवन के साथ ही संसाधन की भी घोर कमी है.
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पुपरी का पीएचसी.
पुपरी : राज्य सरकार के स्तर से स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के बड़े-बड़े दावे किये जाते है, पर लापरवाही के चलते मरीजों को समुचित चिकित्सा सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा है. स्थानीय पीएचसी का बुरा हाल है. भवन के साथ ही संसाधन की भी घोर कमी है. कमरे के अभाव में एक-एक कमरे में […]
कमरे के अभाव में एक-एक कमरे में कई-कई चीजों का संचालन किया जाता है. चिकित्सक व कर्मियों के लिए आवास की सुविधा नहीं है. सभी किराये के मकान में रहते है. जर्जर भवन में प्रसव कक्ष है. हल्की बारिश में भी खपरैल प्रसव कक्ष में पानी टपकने लगता है और थोड़ी ही देर में वह कक्ष पानी-पानी हो जाता है. प्रसव वाली मरीजों को लाने वाली आशा व ममता के बैठने व ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं है.
रात में उसे बरामदे पर सो कर समय बिताना पड़ता है. कार्यालय भवन खंडहर बन चुका है. कई कमरे मरम्मत के अभाव में धराशायी हो चुके है. जो कमरे कुछ ठीक-ठाक है उसमें ओपीडी व ओटी का संचालन होता है.
पीएचसी परिसर में चार वर्ष पूर्व भवन बनाया गया था. वह क्षतिग्रस्त होने लगा है. भवन की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा किया जा रहा है. हद तो यह कि इसकी शिकायत कराने के बावजूद वरीय अधिकारी कोई कार्रवाई करने के बजाय खामोश है. स्वास्थ्य प्रबंधक मनोज कुमार ने बताया कि भवन के अभाव में मरीजों के साथ-साथ चिकित्सक व कर्मियों को भी काफी परेशानी होती है. यहां तक मरीजों की चिकित्सा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. चार वर्ष पूर्व बने भवन के बारे में शिकायत करने के बावजूद वरीय अधिकारियों के स्तर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
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