कार्रवाई. गबन के मामले में एसपी ने की कार्रवाई
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पूर्व मुखिया व पंस गिरफ्तार
कार्रवाई. गबन के मामले में एसपी ने की कार्रवाई हरनाही पंचायत का मामला 2013 में किया था गबन शिवहर : पुलिस कप्तान प्रकाश नाथ मिश्र के निर्देश पर पुलिस ने सरकारी राशि गबन कर खुलेआम घुमने वाले आरोपियों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में पुलिस ने वर्ष 2013 में सड़क निर्माण […]
हरनाही पंचायत का मामला
2013 में किया था गबन
शिवहर : पुलिस कप्तान प्रकाश नाथ मिश्र के निर्देश पर पुलिस ने सरकारी राशि गबन कर खुलेआम घुमने वाले आरोपियों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में पुलिस ने वर्ष 2013 में सड़क निर्माण की तीन योजना में हुई घोटाला शिवहर थाना कांड संख्या 171/13 का उद्भेदन करते हुई इस मामले में हरनाही पंचायत के पूर्व मुखिया जोखन माझी व तत्कालीन पंचायत सचिव राम चंद्र राम को गिरफ्तार कर लिया है. इनके उपर बीडीओ का जाली हस्ताक्षर बनाकर 80,410 रुपये की राशि गबन कर लेने का आरोप है.
क्या है पूरा मामला: वर्ष 2013 में शिवहर थाना क्षेत्र के हरनाही पंचायत के पूर्व मुखिया जोखन माझी व पंचायत सचिव राम चंद्र राम ने बिना प्रशासनिक स्वीकृति के ही पंचायत सड़क निर्माण की तीन पीसीसी के योजना को मिली भगत कर संचालित किया. वही 804100 रुपये की निकासी फर्जी तरीके से कर लिया था.
इस मामले में तत्कालीन बीडीओ विनय कुमार सरस ने यह दावा किया था कि इनके स्तर से प्रशासनिक स्वीकृति नहीं दी गयी थी व उनका हस्ताक्षर फरेब से बनाया गया था. एसपी से हवाले से कहा गया है कि तत्कालीन नाजीर सह सहायक बाबू लाल चौधरी प्रखंड कार्यालय शिवहर से इस मामले में पूछताछ की गयी तो उन्होंने प्रशासनिक स्वीकृति पर अपना लघु हस्ताक्षर किये जाने की बात स्वीकार की. वही बताया कि तत्कालीन बीडीओ विनय कुमार सरस से हस्ताक्षर कराकर संचिका मुखिया को सौंपा गया था.
बीडीओ के हस्ताक्षर का मिलान हस्ताक्षर विशेषज्ञ से कराया गया तो नाजीर बाबू लाल चौधरी का दावा झूठा निकला. तथा हस्ताक्षर विशेषज्ञ का मंतव्य प्राप्त हुआ कि तीनों योजना के संचिका पर बीडीओ का फर्जी हस्ताक्षर बनाया गया है. इस मामले में पूर्व मुखिया व पंचायत सचिव ने अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है. वही एमबी बुक लिखने वाले कनीय अभियंता शंभू नाथ केशरी व सहायक अभियंता बलभद्र शाही की पहचान कर ली गयी है. दोनों वर्तमान में सीतामढ़ी में पदस्थापित हैं. कांड का अनुसंधान पुअनि रामा शंकर साह ने किया है. इसका पर्यवेक्षण एसडीपीओ प्रीतिश कुमार ने किया है. इस मामले संलिप्त कई सरकारी कर्मी पर गाज गिरना तय है.
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