उदासीनता. विकास की आत्मा सड़क खोल रही व्यवस्था की पोल
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सड़क पर गड्ढों ने चलना किया मुश्किल
उदासीनता. विकास की आत्मा सड़क खोल रही व्यवस्था की पोल कहतरवा गांव के पास पांच सौ गज सड़क गड्ढे में तब्दील शिवहर : विकास के लंबे लंबे आश्वासन का सब्जबाग दिखाने वाले जनप्रतिनिधि व विभाग की पोल जिले की जर्जर सड़कें खोलती नजर आ रही है. विकास की आत्मा कही जाने वाली जिले की सड़कें […]
कहतरवा गांव के पास पांच सौ गज सड़क गड्ढे में तब्दील
शिवहर : विकास के लंबे लंबे आश्वासन का सब्जबाग दिखाने वाले जनप्रतिनिधि व विभाग की पोल जिले की जर्जर सड़कें खोलती नजर आ रही है. विकास की आत्मा कही जाने वाली जिले की सड़कें अपने दयनीय स्थिति पर आंसू बहा रही है. जहां हल्की बारिश में जल जमाव को नजारा देखा जा सकता है.
पंचायती राज गठन के बाद लोगों में आशा जगी कि गांव का विकास होगा. वही गांधी जी के ग्राम्य स्वराज का सपना पूरा होगा. विकास की आत्मा कही जाने वाली जर्जर सड़कें दुरुस्त होगी. आवागमन सुलभ होगा. जिससे जिले के बदरंग स्वरूप एक रूप में निखर का सामने आयेगा. किंतु जिले की जर्जर सड़कें विकास की पोल खोलती नजर आ रही है.
पंचायती राज गठन के बाद 2001 से अब तक गांव की सड़कों का समुचित विकास नहीं हो सका है. जो पूरी व्यवस्था की पोल खोल रही है. आखिर सड़कों के विकास के नाम पर लाखों रुपये वारा न्यारा करने वाले लोगों के प्रति प्रशासनिक अनदेखी क्यों है. उक्त सवाल ग्रामीण द्वारा खड़ा किया जाने लगा है.
उल्लेखनीय है कि फतहपुर से लालगढ़ पथ आस पास के सैकड़ों गांवों का लाइफ लाइन है. किंतु इस सड़क पर कहतरवा गांव के पास करीब पांच सौ गज में सड़क गड्ढ़ों में तब्दील है. जिससे होकर पैदल यात्री का भी चलना मुश्किल है.
सड़क पर गंदगी, जलजमाव व कीचड़ से आवागमन की बराबर समस्या उत्पन्न होती रहती है. इस पथ से होकर लोग पूर्वी चंपारण के मधुवन तक आते जाते है. बसों का भी परिचालन इस पथ से होता है. किंतु किसी को इस सड़क के निर्माण के दिशा में काम करने की फुर्सत नहीं है. किसी भी जनप्रतिनिधि व सरकारी मुलाजिम ने इस सड़क की सुधि नहीं ली है.
इस बाबत पूछ जाने पर सहायक अभियंता आर डब्लू डी चंदन कुमार भार्गव बताते हैं कि कहतरवा पथ में 14 किलोमीटर तक काम होना है. जिसका एकरारनामा हो गया है. शीघ्र ही इस समस्या का समाधान हो जायेगा. इधर फतहपुर लालगढ़ पथ में कनुआनी पुल से उतर पूरब फतमाचक गांव के पास भी सड़क गड्डों में तब्दील है.
इधर शिवहर अठकोनी मुख्य पथ में भी सड़क जगह जगह गड्ढ़ों में तब्दील हो गया है. डुमरी कटसरी प्रखंड में बहुआरा से वेनीपुर पथ प्रधानमंत्री सड़क योजना में शामिल है. किंतु इस सड़क का निर्माण काम शुरू होने के बाद भी करीब पांच वर्षों में पूरा नहीं हो सका है. करीब तीन किलोमीटर के इस सड़क के निर्माण कार्य को संवेदक पांच वर्ष से अधिक समय में भी पूरा नहीं कर सके हैं.
इसी से विभागीय कार्यशैली व संवेदक के कार्य प्रणाली का अंदाजा लगाया जा सकता है.
तरियानी प्रखंड में मुंशी चौक से बराहीं पथ आरइओ की सड़क है. जो जगह जगह गड्ढ़ों में तब्दील हो चुका है. बरसात में यह सड़क लोगों के लिए आवागमन की सम़स्या उत्पन्न कर रहा है. किंतु विभाग कुंभकर्णी निद्रा में सोया है. चौंकाने वाली बात है कि प्रभात खबर द्वारा स्थानीय विधायक का भी ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया गया. पूर्व बेलसंड विधायक रामस्वार्थ राय के पुत्र अजय राय व विजय राय ने भी कई बार इस सड़क के निर्माण की मांग की है.
किंतु इसके दिशा में फिलहाल कोई कार्य प्रारंभ होता नहीं नजर आ रहा है. जिले ऐसी दर्जनों सड़कें हैं. जो अपनी दयनीय स्थिति पर आंसू बहा रही है. जिसकी सुधि लेने को कोई तैयार नहीं दिख रहा है. ग्रामीण महबूब आलम, जितेंद्र कुमार आदि का कहना है कि ग्रामीण की हालत पर शर्म से पानी पानी होना मुहावरा का प्रयोग संभव है. कारण के कोई बाहरी अतिथि जब उक्त गांव में जाते हैं. तो उनकी परेशानी देख ग्रामीण शर्मिंंदगी महसूस करते है.
किंतु जनप्रतिनिधि व विभागीय अभियंता के लिए शर्म से पानी पानी होना मुहावरा की जगह किस मुहावरे का प्रयोग किया जाय. इसका जवाब शायद उन्हीं के पास होगा.
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