शिवहर : मनरेगा के कार्य में पंचायत रोजगार सेवक नहीं होंगे अभिकर्तापीओ ने निदेशक सामाजिक वानिकी के 16 मार्च 2018 को निर्गत पत्र का हवाला देते हुए कहा कि जिला परिषद व पंचायत समिति की योजनाओं के क्रियान्वयन में पंचायत रोजगार सेवक की कोई भूमिका नहीं होगी. वे जिला परिषद व पंचायत समिति मद से क्रियान्वित योजनाओं के अभिकर्ता नहीं हो सकेंगे. जिला परिषद व पंचायत समिति द्वारा क्रियान्वित होने वाली योजनाओं का कार्यान्वयन पंचायत सचिव, जेएसएस,बीएओ समेत अन्य प्रखंड कर्मी के माध्यम से कराया जा सकता है.
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ऑनलाइन प्रक्कलन से क्रियान्वित होगी मनरेगा की योजनाएं
शिवहर : मनरेगा के कार्य में पंचायत रोजगार सेवक नहीं होंगे अभिकर्तापीओ ने निदेशक सामाजिक वानिकी के 16 मार्च 2018 को निर्गत पत्र का हवाला देते हुए कहा कि जिला परिषद व पंचायत समिति की योजनाओं के क्रियान्वयन में पंचायत रोजगार सेवक की कोई भूमिका नहीं होगी. वे जिला परिषद व पंचायत समिति मद से […]
ऐसे में जिला परिषद व पंचायत समिति की कार्यान्वित होने वाली योजनाओं में पंचायत समिति को अभिकर्ता बनाने का रास्ता साफ हो गया है.पंचायत समिति के माध्यम से कार्यान्वित होने वाली योजनाओं का तकनीकी पर्यवेक्षण कनीय अभियंता, सहायक अभियंता एवं कार्यपालक अभियंता द्वारा किया जायेगा. वे जिस पंचायत के प्रभारी हैं. उस क्षेत्र की पंचायत समिति के माध्यम से कार्यान्वित हो रही योजनाओं का तकनीकी पर्यवेक्षण करेंगे.
पूर्व की भांति इसमें पंचायत तकनीकी सहायक की कोई भूमिका नहीं होगी.पत्र के अनुसार मनरेगा अंतर्गत वंचित परिवारों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए, गुणवत्तापूर्ण परिसंपत्तियां सृजन के उद्देश्य ग्राम पंचायत के साथ साथ पंचायत समिति व जिला परिषद के माध्यम से योजनाएं क्रियान्वित की जा सकती हैं. महात्मा गांधी दिशा निर्देश चौथे संस्करण के प्रावधानों के अनुसार कार्यान्वयन एजेंसी का निर्धारण सक्षम स्तर से किया जायेगा. किसी भी कार्य के लिए पीएलए का निर्धारण करने हेतु ग्राम पंचायत पहली पसंद होगी.
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