फोटो कैप्शन- प्रभु यीशु मसीह की भक्ति में लीन बिक्रमगंज का मसीही परिवार मेथोडिस्ट चर्च में अत्यंत श्रद्धा, उल्लास और आत्मिक उत्साह के साथ मना पर्व प्रतिनिधि, बिक्रमगंज. सबका एक दिन अंत होता है, चाहे वह प्रकृति हो या जीवन, लेकिन एकमात्र प्रभु यीशु मसीह हैं, जिनका न आदि है न अंत. वह सनातन हैं, युगों-युगों तक जीवित हैं. उन्होंने पवित्र आत्मा के द्वारा धरती पर जन्म लिया. मानव जाति के पापों का भार अपने ऊपर लिया. क्रूस पर बलिदान हुए और तीसरे दिन अर्थात आज के दिन मृतकों में से जी उठे. ये बातें रविवार को बिक्रमगंज के आनंदनगर स्थित मेथोडिस्ट चर्च में आयोजित ईस्टर पर्व उत्सव के दौरान चर्च के पादरी रेव. अनिल राव ने अपने प्रवचन में कहीं. उनके इन शब्दों ने वहां उपस्थित श्रद्धालुओं के हृदय में प्रभु यीशु के पुनरुत्थान की सच्चाई को और भी सजीव कर दिया. प्रभु यीशु के पुनरुत्थान (ईस्टर) का यह पर्व मेथोडिस्ट चर्च में अत्यंत श्रद्धा, उल्लास और आत्मिक उत्साह के साथ मनाया गया. इस अवसर पर चर्च में विशेष प्रार्थना सभा, आत्मिक भजन-कीर्तन, प्रेरक गीतों और विश्वासवर्धक उपदेशों का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया.चर्च के पादरी रेव. अनिल राव ने धर्मशास्त्र के उस ऐतिहासिक क्षण का उल्लेख किया जब मरियम मगदलीनी, याकूब की माता मरियम और शालोमी यहूदियों की प्रथा अनुसार सुगंधित वस्तुएं लेकर प्रभु यीशु के शव पर मलने कब्र पर पहुंचीं, लेकिन वहाँ देखा कि पत्थर लुढ़का हुआ है, कब्र खाली है और एक स्वर्गदूत उन्हें प्रभु के जीवित होने का संदेश दे रहा है. फिर पत्रस और युहन्ना को भी प्रभु ने दर्शन दिए और यहीं से संसार में यह सुसमाचार फैल गया कि यीशु जिन्दा हैं. रेव. राव ने यह भी बताया कि मृत्यु को किसी ने नहीं जीता, किंतु प्रभु यीशु ने उसे परास्त कर दिया. उनके शिष्य थोमा भारत आए और यहाँ भी उन्होंने प्रभु के जीवित होने की गवाही दी, जिसके फलस्वरूप सैकड़ों लोगों ने प्रभु को जाना और उनकी आत्मिक शक्ति का अनुभव किया. आज भी प्रभु यीशु के नाम से लोग चंगाई, उद्धार और छुटकारा प्राप्त कर रहे हैं, यही उनके जीवित होने का प्रमाण है. प्रार्थना सभा में उमेश प्रसाद, संतोष कुमार, राज किशोर लाल, नंद किशोर लाल, प्रवीण लाल, सेव इंडिया मिशन स्कूल के प्रधानाचार्य सुरंजन जी, रामानंद मसीह, हंसराज चौधरी, राज कुमार, गुप्तेश्वर, वीरेंद्र प्रसाद, विजय दत्त, दीपक राव, प्रशांत राज, निशि लाल, अंजू कुमारी, एमी राज, राज कुमारी, कुंती देवी, मनोरमा देवी समेत कई श्रद्धालु मौजूद रहे.पूरे चर्च परिसर में भक्ति, आनंद और आत्मिक ऊर्जा का माहौल था. श्रद्धालु एक-दूसरे को यीशु जिन्दा हैं, कहकर बधाइयां दे रहे थे. पुनरुत्थान का यह पर्व मसीही परिवारों के बीच आशा, विश्वास और नई उमंग का संदेश बनकर आया
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