मॉनसून के आने में देरी व जलकुंड के पानी का दूषित होना बताया जा रहा कारण फोटो -17- तुतला भवानी के जलकुंड में मरी हुईं मछलियां. प्रतिनिधि, तिलौथू. मां तुतला भवानी धाम के जलकुंड की मछलियां काफी तादाद में मर रही हैं. स्थानीय लोगों ने इसका मुख्य कारण जलकुंड में पानी की कमी होना व पानी का प्रदूषित हो जाना बताया है. इसके कारण मछलियों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है. मां तुतला धाम विकास कमेटी के सोशल मीडिया प्रभारी वरुण राजपूत ने बताया कि विगत एक सप्ताह से जलकुंड में काफी तादाद में मछलियों को मरते हुए देखा जा रहा है. वहीं, पूजा कमेटी द्वारा मरी हुई मछलियों को पूजा स्थल से अन्यत्र जगह पर फेंकवाया भी जा रहा है, ताकि मछलियों की दुर्गंध से श्रद्धालुओं को परेशानी न हो. इनके अनुसार, एक मछली का वजन 5 किलो से अधिक है. छोटी-बड़ी मछलियां मिलकर दो क्विंटल से अधिक मछलियां अभी तक मर चुकी हैं. इस बार विलंब से मॉनसून के आने से मां तुतला भवानी धाम में अब तक वाटरफॉल शुरू नहीं हो पाया है. इसके कारण कुंड में पानी सीमित हो गया है और वह पानी काफी प्रदूषित हो गया है. इस प्रचंड गर्मी में जलकुंड का पानी सीमित हो गया है. साथ ही इस पानी का बहाव भी नहीं है. इस कारण यह पानी पूरी तरह प्रदूषित भी हो गया है. पानी प्रदूषित होने का इसका मुख्य कारण है कि जलकुंड में ही लोग स्नान करते हैं और साबुन इत्यादि नहा कर गंदे कपड़े भी फेंक देते हैं. वहीं, मां तुतला धाम विकास समिति के अध्यक्ष गुरुचरण यादव ने बताया कि अगर समय से मॉनसून आ जाता और वाटरफॉल शुरू हो जाता, तो एक भी मछली नहीं मरती. लेकिन, इस बार विलंब से मॉनसून का आना और अब तक धाम में वाटरफॉल का शुरू नहीं होना ही मछलियों के मरने का मुख्य कारण है. अगर एक बरसात भी जमकर हो जाये, तो मछलियां बच जायेंगी. इनके अनुसार, पिछले साल भी जलकुंड की मछलियां मरी थीं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

