नारायण नर्सिंग कॉलेज में मॉक ड्रिल का किया गया आयोजन फोटो-7- हृदयाघात पर प्राथमिक उपचार की जानकारी देते डॉक्टर व अन्य. प्रतिनिधि, सासाराम ऑफिस आपातकाल में हर नागरिक लाइफ सेवर बने, इसी संदेश के साथ गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित नारायण नर्सिंग कॉलेज में एक दिवसीय मॉक ड्रिल का आयोजन हुआ. यह कार्यक्रम आपातकालीन स्वास्थ्य समस्याओं से निबटने व प्राथमिक उपचार की महत्ता को आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया. कॉलेज की प्राचार्या डॉ के लता, उपप्राचार्या डॉ श्वेता शर्मा व नर्सिंग फाउंडेशन विभाग की अध्यक्ष निक्की मिंज के मार्गदर्शन में इस मॉक ड्रिल का संचालन हुआ. इस मॉक ड्रिल के दौरान छात्रों ने आपातकालीन परिस्थितियों में तुरंत प्रतिक्रिया देने, प्राथमिक उपचार देने एवं रोगी की स्थिति को स्थिर करने की प्रक्रिया को व्यावहारिक रूप से समझा और अपनाया. इस अभ्यास के जरिए गिर जाना, हृदयाघात, जलना, चौकिंग, हड्डी टूटना, जहर खाना, गंभीर घाव, कुत्ते व सांप का काटना, नाक से खून आना और अचानक बेहोश हो जाने जैसी विभिन्न स्वास्थ्य आपातकालीन स्थितियों का प्रभावी प्रशिक्षण दिया गया. बीएससी नर्सिंग द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों ने पूरे उत्साह से इसमें भाग लिया. मॉक ड्रिल को चार ग्रुपों में बांटा गया, जहां हर ग्रुप ने अलग-अलग आपातकालीन परिस्थिति पर फोकस किया. ग्रुप वन में नर्सिंग ट्यूटर मिस्टर विप्लव डिंडा ने चौकिंग (श्वास अवरोध) की स्थिति पर विस्तार से जानकारी दी. वहीं ग्रुप दो में कुत्ते व सांप के काटने पर आवश्यक प्राथमिक उपचार पर सहायक प्राध्यापक केएच सरिता देवी ने प्रशिक्षण दिया. इसी तरह ग्रुप तीन में जहर खाने पर की जाने वाली चिकित्सा पर मिस्टर सज्जन पटेल ने विस्तार से बताया. ग्रुप चार में हृदयाघात की स्थिति में त्वरित उपचार के लिए फिर से मिस्टर विप्लव डिंडा ने जानकारी दी. इसके अतिरिक्त शिल्पी रानी ने गिरने के बाद के प्राथमिक उपचार की जानकारी दी. विक्रांत कुमार ने नाक से रक्त बहने और घाव के इलाज पर प्रशिक्षण दिया. चांदनी कुमारी ने हड्डी टूटने की स्थिति में फर्स्ट एड के बारे में बताया. सज्जन पटेल ने जलने की स्थिति में उपचार की विधियों को समझाया. केएच सरिता देवी ने बेहोशी की स्थिति में त्वरित उपचार पर जानकारी दी. कॉलेज की प्राचार्या ने अंत में कहा कि यह मॉक ड्रिल छात्रों के ज्ञान और दक्षता को व्यावहारिक आधार पर मजबूत करने के साथ-साथ आम लोगों को भी यह संदेश देने में सफल रही कि आपातकाल में हर नागरिक एक लाइफ सेवर बन सकता है, बस जरूरत है प्राथमिक उपचार की सही जानकारी और तत्परता की.
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