सासाराम नगर. राजस्व महाभियान की शुरूआत 16 अगस्त से पूरे जिले में होगी. इस दौरान शहर से लेकर गांव तक के जमाबंदी लेकर राजस्वकर्मी घर-घर पहुंचेंगे. जमाबंदी को लेकर यह अबतक का सबसे बड़ा अभियान होने जा रहा है. इस अभियान के तहत सरकारी कर्मियों से हुई गलतियों को सुधारा जायेगा. इस अभियान का सबसे बड़ा कार्य उत्तराधिकारियों के नाम से जमाबंदी कायम करना है. अब तक इसको लेकर रैयतों के उत्तराधिकारियों जमीन अपने नाम कराने के लिए कोर्ट का सहारा लेना पड़ता था, जिसमें सालों बीत जाते थे. साथ ही हजारों रुपये खर्च होते थे. तब जाकर उनके नाम से जमाबंदी कायम होती थी. लेकिन, अब वंशावली देकर आसानी से उनके नाम जमाबंदी कायम हो जायेगी. इस संबंध में एडीएम ललित भूषण रंजन ने बताया कि जो भी हल्का अंचल में होंगे, वहां-वहां यह अभियान चलेगा. शहर से लेकर गांव तक सभी जमाबंदियों को दुरुस्त किया जायेगा. उन्होंने कहा कि जिले में कई जमाबंदियां उनके नाम से है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है, तो ऐसे जमाबंदियों के नाम पर उनके उत्तराधिकारियों का नाम जोड़ा जायेगा. इसके अलावा भाइयों में खानदानी जमीन का बंटवारा हो चुका है, तो उनके नाम से जमाबंदी कायम की जायेगी. इसके लिए उत्तराधिकारियों को वंशावली और सहमति पत्र की जरूरत पड़ेगी. उन्हें अपने जमीन के दस्तावेजों के साथ-साथ इसे भी देना होगा. बिक्री हो चुकी जमीन में भी चाहिए सहमति पत्र- एडीएम ने बताया कि खतियानी जमीन के अगर रैयत की मृत्यु हो चुकी है और उनके बेटों में बंटवारा कर जमीन बेची गयी है, तो जिसने जमीन अपने हिस्से की बेच दी है. उन्हें भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा. उन्होंने बताया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए सीओ अंचल स्तर पर एक माइक्रो प्लान तैयार करेंगे, जिसे 10 से 12 अगस्त तक राजस्व विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना है. इसके अलावा इस अभियान के तहत शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए पंचायत के जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जायेगा. इसके लिए अंचलस्तर पर 13 व 14 अगस्त को मुखिया, सरपंच और वार्ड सदस्य का एक प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन होगा. उनको माइक्रो प्लान की प्रति भी दी जायेगी. इसके अलावा घर-घर जमाबंदी वितरण के लिए जो दल गठित किया जायेगा. वह दल इन प्रतिनिधियों का सहयोग लेंगे.
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