करीब दो वर्ष तक ड्रिलिंग कर सैंपल जुटाने का कार्य करेगी कंपनी
ड्रिलिंग के बाद खनन का कार्य प्रारंभ करायेगी रूंगटा एंड संस कंपनीखनन प्रारंभ होने से स्थानीय सहित अन्य लोगों को रोजगार मिलने की संभावनाफोटो-1- सैंपल के लिए ड्रिलिंग करती मशीन.
ए- कुछ इस तरह का होता है ग्लूकोनाइट खनिज.बी- कुछ इस तरह का होता है ग्लूकोनाइट खनिज.
प्रतिनिधि, सासाराम कार्यालयजिले में दक्षिण-पूरब कैमूर पहाड़ी की तलहटी में खनिज का अकूत भंडार छिपा है. कुछ वर्ष पहले खनिज की खोज करने वाले शोधकर्ताओं ने नौहट्टा प्रखंड के गांवों में ग्लूकोनाइट खनिज की प्रचुरता की रिपोर्ट दी थी. इसके बाद केंद्रीय खनन एवं भूतत्व विभाग ने वर्ष 2024 में खनिज के खनन के लिए निविदा आमंत्रित की थी. निविदा की प्रक्रिया पूरी होने के बाद रूंगटा एंड संस कंपनी ने इस क्षेत्र में खनिज की गुणवत्ता और बहुतायत की उम्मीद वाली जगहों पर ड्रिलिंग कर नमूना (सैंपल) उठाने का कार्य शुरू किया है. कंपनी के इंजीनियर ने बताया कि ग्लूकोनाइट खनिज के खनन के लिए एक-दो वर्ष तक सैंपलिंग का कार्य किया जायेगा. कहां से खनन शुरू किया जाये, इसकी जांच की जायेगी. किस जगह पर ज्यादा खनिज है, इसकी जांच होगी. इसके बाद खनन प्रारंभ किया जायेगा.
2172 एकड़ क्षेत्र में लिया जायेगा नमूना
ग्लूकोनाइट एक महत्वपूर्ण खनिज है. इसका दवा, पेंट, खाद आदि बनाने में उपयोग किया जाता है. नौहट्टा प्रखंड के मंगरदह, चपला, पहड़िया, बनुआ, डुमरिया आदि करीब 22 मौजा के कुल 2172 एकड़ भूमि के अंदर ग्लूकोनाइट खनिज होने की रिपोर्ट के बाद खनन के लिए कार्रवाई शुरू हुई है. हालांकि अभी खनन शुरू नहीं हुआ है. सैंपलिंग के कार्य को देख कर ही ग्रामीण उत्साहित हैं. ग्लूकोनाइट का खनन शुरू होने से इस पहाड़ी क्षेत्र के गांवों की तस्वीर बदलने की संभावना है. खनन होने से यहां तक सड़क व रेललाइन आदि व्यवस्थाएं दुरुस्त हो जायेंगी. इसके साथ बड़ी संख्या में लोगों के लिए प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार सृजित होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है