Bihar Election Express: भभुआ. प्रभात खबर इलेक्शन एक्सप्रेस शनिवार को कैमूर जिले के भभुआ विधानसभा क्षेत्र शहर स्थित रीक्रिएशन क्लब पहुंची, जहां चौपाल का आयोजन किया गया. यहां पूर्व से ही बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे जो अपनी बातों को रखने के लिए आतुर दिखे. प्रभात खबर इलेक्शन एक्सप्रेस की चौपाल में लोगों ने हर क्षेत्र से जुड़े मुद्दे उठाये, जिसके जवाब अतिथियों ने दिये. जवाब से असंतुष्ट लोगों ने हल्के तीखे अंदाज में नाराजगी भी जतायी. जनप्रतिनिधियों ने अपने जवाब से जनता को संतुष्ट करने की कोशिश की. हालांकि कार्यक्रम के दौरान लोगों द्वारा किए जा रहे एक से बढ़कर एक सवालों पर विधायक एवं जनता दल यूनाइटेड के पूर्व जिला अध्यक्ष घीरते दिखे.
ये नेता दिखे मंच पर
अतिथि के रूप में भाजपा विधायक भरत बिंद जदयू की पूर्व जिला अध्यक्ष चंद्र प्रकाश आर्य , कांग्रेस नेता अनिल तिवारी राजद नेता वीरेंद्र कुशवाहा, बसपा नेता विकास तिवारी उर्फ बबलू, एवं जन स्वराज के नेता जैनेंद्र आर्य उर्फ जॉनी मौजूद थे. प्रभात खबर द्वारा आयोजित चौपाल ने यह साफ कर दिया कि जनता अब केवल वादों से संतुष्ट नहीं है. लोग सवाल पूछ रहे हैं, जवाब मांग रहे हैं और नेताओं की कथनी-करनी का हिसाब ले रहे हैं. इस चौपाल में जितने सवाल उठे, उतने ही जख्म भी सामने आए. अधूरा विकास, टूटी उम्मीदें और कुछ हद तक बदले हुए हालात. चुनाव से पहले यह माहौल बताता है कि इस बार जनता खामोश दर्शक नहीं, बल्कि सख्त परीक्षक बनने वाली. चौपाल कार्यक्रम के दौरान भभुआ विधायक भरत बिंद से जनता ने 5 सालों का हिसाब भी मांगा कि आपके द्वारा क्षेत्र में क्या-क्या किया गया है कार्य.
चौपाल में भ्रष्टाचार पर खुल कर बोले लोग
चौपाल में ज्यादातर लोग प्रखंड व अंचल कार्यालयों में भ्रष्टाचार पर खुल कर बोले. भ्रष्टाचार की बात को खुद सताधारी पक्ष के लोग भी स्वीकार किया. लोगों ने कहा कि अंचल कार्यालय मे कार्य करने के लिए दलालों को पैसा दिया जाता है तभी कार्य होता है. सरकार के लोग भी इसमें सनलिप्त है इसलिए भ्रष्टाचार चरम पर है.तो वहीं लोगों ने अधिकारियों की मनमानी व जनता की अनदेखी करने का भी मुद्दा उठाया.
भभुआ विधान सभा इलेक्शन एक्सप्रेस, पांच मुद्दे
- कोलकाता वाराणसी .एक्सप्रेसवे निर्माण के दौरान किसानों के भूमि अधिग्रहण के बिना मुआवजा दिए बिना जिला प्रशासन द्वारा किसानों का फसल रौंदने, जमीन की कीमत के अनुसार राशि भुगतान नहीं करने
- शहरों के गली-मुहल्लों में जलनिकासी के लिए नाले का अभाव है, जिसके कारण बरसात के दिनों में लोगों को काफी परेशानी होती है. लंबे समय तक पानी जमा रहता है अगर 1 घंटे भी बारिश हो जाए तो शहर के हृदय स्थली एकता चौक से लेकर सभी मोहल्ले में पानी भर जाता है.
- शहर में एकमात्र जगजीवन स्टेडियम मैदान है जहां खेलने के लिए कोई भी ट्रैक सही से नहीं बनी हुई है. स्टेडियम की व्यवस्था पूरी तरह बदहाल है शाम ढलते ही अंधेरा छा जाता है.
- जिले के सभी कार्यालय में भ्रष्टाचार का आलम है बगैर घुस दिए बिना कार्य नहीं होता है खासकर अंचल कार्यालय में तो बगैर दलाल के माध्यम के बिना परिमार्जन म्यूटेशन भी किसानों का नहीं किया जाता है.
- कोई बड़ी दुर्घटना अगर जिले में घट जाय तो घायलों के इलाज के लिए कोई व्यवस्था नहीं है चिकित्सकों द्वारा बनारस रेफर कर दिया जाता है रास्ते मे ही मरीज मर जाते है. अस्पताल एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में कैमूर जिले की स्थिति काफी खराब है.
किसी ने स्वास्थ्य तो किसी ने शिक्षा का उठाया मुद्दा
चौपाल कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों में किसी ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा किये, तो किसी ने पांच वर्षों में सड़कों का जाल बिछ जाने की कही. अधिकांश लोगों ने बिना रिश्वत के कोई काम नहीं होने की बात कहते हुए बीधायक को घेरा और उनसे जवाब मांगे. तो किसी ने कहा कि जिले व्यवस्था खराब है 5 किलोमीटर तक बच्चे पैदल जाते हैं. विद्यालय शिफ्ट कर दिया जा रहा है. एक स्वर में लोगों ने शहर के जल निकासी एवं स्टेडियम निर्माण कोलकाता वाराणसी एक्सप्रेसवे निर्माण में किसानों को दरकिनार किए जाने किसानों को फसल को बर्बाद करने एवं उचित मुआवजा नहीं मिलने की मांग उठाया गया. साथ हीं चौपाल कार्यक्रम के दौरान शहर के डेढ़ किलोमीटर दूरी पर स्थित पलका गांव का सड़क निर्माण का भी लोगों द्वारा उठाया गया एवं सभी सवालों का जवाब सताधारी पक्ष के नेता एवं विधायक से मांगी.

