शिवसागर. जिले के शिवसागर प्रखंड अंतर्गत चार हलका के 58 मौजा के लिए 34435 जमाबंदी वितरण के लिए गावों में भेजी गयी थी. अबतक चालीस प्रतिशत रैयतों के घरों तक भी जमाबंदी नहीं पहुंचा सका है. ऐसे में अधिकतर रैयतों को नामांतरण, जमाबंदी सुधार, उतराधिकारी, बंटवारा, छूटी जमाबंदी हेतु कागजात लगाने की जानकारी नहीं दी गयी है. बस ऑनलाइन जमाबंदी निकाल घरों में बांटने के लिए भेज दिया गया. ऐसे में बिना मामले को समझे रैयत शिविर में पहुंच गये. एक साथ कई मौजा के लोगों को पहुंचने के साथ ही शिविर स्थल पर भारी संख्या में रैयतों की भीड़ इकट्ठा हो गयी. इससे शिविर में बैठे कर्मचारी भी मूकदर्शक बने रहे. शिविर में भीड़ भी ऐसी थी कि कर्मी भी मूकदर्शक बने रहे. कर्मी लोगों को जमाबंदी दे, नामांतरण व छूटी भूमि के कागजातों की जानकारी दें या फिर फॉर्मेट की वितरण करे. जैसे ही रैयतों को घर-घर जमाबंदी बंटने व नामांतरण व भूमि सुधार के लिए शिविर आयोजित होने की सूचना मिली, तो जमाबंदी प्राप्त करने वाले रैयत अपना जमाबंदी लेकर वहां पहुंच गये. लेकिन, शिविर की भीड़ देख सबके मुंह से बस एक ही शब्द निकल रहा था. चलों भैया यह हम सबके बस की बात नहीं है. इस नियम से कुछ भी बदलने वाला नहीं है. हर मौजा में लगाना होगा अलग-अलग शिविर शिविर में आये रोझई के घासी मुशहर, मिश्री मुशहर ने भीड़ में अपनी स्थिति को देखते हुए कहा कि चल भइया हमनी के बस के बात नइखे. इ नियम सुधार ना गरीब के जमीन के फिर से लूट-खसोट करेके धंधा बा. एकरा में बड़का गृहस्थ के कौनों पूछे नइखे त एक डिसमिल वाला के कवन काम बा. शिविर में पूरे दिन लोग उत्साहित होकर पहुंचे और हताश होकर घर लौटते नजर आये. शिवसागर हलका के पंचायत सरकार भवन पर आयोजित शिविर में नामांतरण व छूटी जमीन को ऑनलाइन चढ़ाने के लिए पहुंचे रैयत सेवानिवृत कनीय अभियंता ललन साह व सेवानिवृत आर्मी जवान महेश साह ने कहा कि जबतक हलका के हर एक-एक मौजा में पांच से छह दिन तक शिविर आयोजित नहीं किया जायेगा, तब तक भूमि संबंधित मामले में का निष्पादन नहीं हो सकता है.
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