छपरा. जगतगुरु रामानंदाचार्य ने हनुमान चालीसा के पाठ और सुंदरकांड के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि बजरंगबली की पूजा से सुख, समृद्धि, बल, बुद्धि, विद्या और शक्ति मिलती है. उन्होंने कहा कि सुंदरकांड का पाठ करना बहुत लाभदायक होता है. यह बातें शहर के मारुति मानस मंदिर परिसर में चल रहे हनुमान जयंती समारोह के दूसरे दिन कहीं. उन्होंने यह भी बताया है कि यदि किसी से हनुमान जी के प्रति कोई गलती हो गई है, तो उससे माफी मांगनी चाहिए. पूजा के बाद हनुमान जी से सुख, समृद्धि, बल, बुद्धि, विद्या और शक्ति की कामना करनी चाहिए. जगतगुरु रामानंदाचार्य के अनुसार, बजरंगबली की भक्ति से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं और उसे आशीर्वाद मिलता है. उन्होंने चर्चित चौपाई को गाते हुए कहा कि “लोक-परलोक ते बिसोक सपने न सोक, तुलसी के हिये है भरोसो एक ओर को. राम को दुलारों दास वामदेव को निवास, नाम कलि काम तरु केसरी किसोर को. इसके पहले कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ भी किया गया था इस अवसर पर देश के कोने-कोने से आये विद्वान जनों ने दीप जलाकर और हनुमान जी की आरती कर गुणगान किया. इस अवसर पर लक्ष्मण किलाधीश मैथिली शरण जी महाराज और अन्य लोग उपस्थित थे.
11 दिवसीय हनुमान जयंती समारोह में जुटने लगी भीड़
मारुति मानस मंदिर परिसर में आयोजित 11दिवसीय 58वां वार्षिकोत्सव की शानदार शुरुआत हो चुकी है. शुरुआत होने के साथ ही हनुमान भक्तों की भीड़ जुटने लगी है सोमवार से और भी अधिक भीड़ होने की संभावनाहै. आयोजकों के अनुसार हर दिन प्रवचन आदि का कार्यक्रम होगा. प्रवचनमाला को सुशोभित करने के लिए अयोध्या से लक्ष्मण किलाधीश मैथिली रमण शरण जी, जगद्गुरू, रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य (महाराज हरिधाम पीठ, गोपाल मंदिर), और हनुमत निवास पीठाधीश्वर स्वामी मिथिलेश नन्दिनी शरण उपस्थित रहेंगे. इनके अतिरिक्त, सन्यासिनी पंछी देवी (प्रज्ञा भारती गिरि), किशोरी शरण (सीता सदन), वैराग्यानन्द परमहंस, और अयोध्या से विद्याभूषण (कवि जी) अपने विचारों और ज्ञान से श्रोताओं को लाभान्वित करेंगे. इसके अलावा धार्मिक अनुष्ठानों का क्रम प्रतिदिन प्रातः पांच बजे से शुरू होगा, जिसमें सर्वप्रथम 5 बजे से 6.30 बजे तक गो दुग्ध से हनुमान जी का अभिषेक किया जाएगा. इसके उपरांत, प्रातः 6.30 बजे से 10 बजे तक रामचरित मानस का सामूहिक नवाहन पारायण होगा. पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर एक बजे तक पुरुष सूक्त एवं श्री सूक्त से हवन आयोजित किया जाएगा. उपदेश एवं प्रवचन का कार्यक्रम दो सत्रों में होगा: पहला सत्र दोपहर 2.00 बजे से संध्या 5.30 बजे तक और दूसरा सत्र शाम 7.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक चलेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

