छपरा. गुरुवार को आयी तेज आंधी और बारिश ने जहां नगर निगम को सतर्क किया, वहीं बिजली विभाग को भी अपनी तैयारियों की समीक्षा करने पर मजबूर कर दिया. छपरा शहर में छह से आठ घंटे तक बिजली गुल रहने से उपभोक्ता परेशान रहे. कहीं जगदम कॉलेज फाटक के पास केबल ब्लास्ट कर गया, तो कहीं दहियावां रोड पर पेड़ तार पर गिर पड़ा, जिससे बिजली आपूर्ति ठप हो गयी. अब विभाग ने मानसून पूर्व तैयारियों को गंभीरता से लेते हुए नंगे तारों को केबल में बदलने और वृक्षों की छंटाई जैसे तकनीकी उपायों को तेजी से लागू करना शुरू कर दिया है.बिजली विभाग की टीम ने गुदरी बाजार, राजेंद्र कॉलेजिएट रोड, जान टोला समिति समेत कई इलाकों में नंगे 11 हजार वोल्ट के तारों को इंसुलेटेड केबल से बदलना शुरू कर दिया है. इन क्षेत्रों में वृक्षों की अधिकता के कारण आये दिन बिजली बाधित होती रही है. इसी के साथ, गंडक कॉलोनी रोड और प्रशासनिक क्षेत्र के आसपास भी ऐसे पेड़ों की शाखाओं की छंटाई की जा रही है, जिनसे नंगे तारों के संपर्क में आने की आशंका रहती है.
अब दो ग्रिड से होगी सप्लाइ
बिजली विभाग ने आपात स्थिति से निपटने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है. अब शहर को तेलपा ग्रिड के साथ-साथ एकमा ग्रिड से भी जोड़ा जा चुका है. इससे यदि एक ओर से आपूर्ति बाधित होती है तो दूसरे स्रोत से फौरन आपूर्ति बहाल की जा सकेगी. इस कार्य को सुचारु रूप से पूरा करने के लिए 50 तकनीकी कर्मचारियों की टीम को काम पर लगाया गया है.प्रकृति के आगे कोई नहीं, लेकिन तैयारी पूरी
प्रकृति के सामने हम कुछ नहीं कर सकते, लेकिन फिर भी पूरी कोशिश है कि उपभोक्ताओं को कम से कम परेशानी हो. मानसून पूर्व पूरी तैयारी की जा रही है. तकनीकी सुधारों के साथ पेड़ों की छंटाई, नंगे तारों का केबल में रूपांतरण और वैकल्पिक ग्रिड से आपूर्ति व्यवस्था मजबूत की जा रही है.धीरज सती, सहायकअभियंता, एनबीपीडीसीएल, छपराडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है