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Chhapra News : सारण में गेहूं खरीद की हुई बोहनी, पहले दिन 11 क्विंटल की खरीदारी

Chhapra News : एक अप्रैल से शुरू हुई गेहूं की खरीदारी की प्रक्रिया में पहले दिन 11 क्विंटल गेहूं की खरीद की गयी, जिससे गेहूं अधिप्राप्ति का शुभारंभ हो गया.

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छपरा. एक अप्रैल से शुरू हुई गेहूं की खरीदारी की प्रक्रिया में पहले दिन 11 क्विंटल गेहूं की खरीद की गयी, जिससे गेहूं अधिप्राप्ति का शुभारंभ हो गया. हालांकि, गेहूं की खरीदारी उतनी तेजी से नहीं हो पायी, जितनी उम्मीद थी. क्योंकि अधिकतर किसानों ने अभी तक अपनी फसल की कटाई शुरू नहीं की है. अभी तक केवल 30 प्रतिशत किसानों ने ही गेहूं की कटाई पूरी की है, जबकि 70 प्रतिशत किसानों की कटाई अभी बाकी है.

किसानों का कहना है कि वे कटाई, मड़ाई, सफाई और सुखाने के बाद ही गेहूं को खरीद केंद्रों पर लेकर आयेंगे, इसलिए वे अभी तक केंद्रों पर गेहूं बेचने के लिए नहीं पहुंचे हैं.

गेहूं खरीद के लिए सहकारिता विभाग की तैयारियां

सहकारिता विभाग ने इस साल गेहूं खरीदारी के लिए 81 समितियों का चयन किया है, जो किसानों से गेहूं खरीदेंगी. इसके अलावा, फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया ने भी पांच क्रय केंद्र स्थापित किये हैं. पहले दिन सभी क्रय केंद्रों पर कर्मचारी और अधिकारी व्यवस्था के साथ मौजूद थे, लेकिन केवल एक ही किसान केंद्र पर पहुंचे. अधिकारियों का कहना है कि अभी गेहूं की कटाई पूरी नहीं हुई है और जब कटाई और अन्य प्रक्रिया पूरी होगी, तब किसान केंद्रों पर गेहूं लेकर आयेंगे.

सरकारी समर्थन मूल्य और बाजार में दर का प्रभाव

रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने गेहूं के खरीद मूल्य को 2425 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, जो पिछले साल के 2275 रुपये से 150 रुपये अधिक है. हालांकि, इस बढ़ोतरी के बावजूद, बाजार में गेहूं की कीमत सरकारी समर्थन मूल्य से 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल अधिक मिल रही है, जिससे किसान बाजार में अपने उत्पाद को बेचने को प्राथमिकता दे रहे हैं. यही कारण है कि गेहूं की खरीदारी अपेक्षाकृत धीमी रही है.

खरीदी का लक्ष्य और समय सीमा

इस साल सहकारिता विभाग ने जिले के लिए 57.39 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है. पिछले साल निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप गेहूं की अधिप्राप्ति नहीं हो पाय थी और इस साल भी खरीदारी धीमी गति से चल रही है. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि 15 जून तक गेहूं की खरीदारी प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए.

क्या कहते हैं किसान

बाजार में अधिक रेट मिल रहा है, इसलिए सरकार को गेहूं बेचने से फायदा नहीं है. प्रति क्विंटल तीन सौ का नुकसान हो रहा है.

अशर्फी राय, किसान, सदरअभी तो गेहूं की कटनी पूरी तरह से नहीं हुई है. ऐसे में क्रय केंद्रों पर जाने का सवाल ही नहीं उठता है. अभी समय लगेगा. किशोरी राय, किसान, डोरीगंज

अभी तो केवल 30% किसान कटनी किये हुए हैं, तो क्रय केंद्र पर भीड़ कहां से होगी. 15 दिन बाद गेहूं बिक्री शुरू हो जायेगी. सुरेश कुमार सिंह, किसान, भेल्दी

सरकार को गेहूं का प्रति क्विंटल तीन सौ रुपया रेट बढ़ना पड़ेगा और इसे बाजार रेट पर करना पड़ेगा तभी जाकर विभाग लक्ष्य प्राप्त कर सकेगा.

मनजीत कुमार सिंह, किसान, रिबेलगंज

आंकड़ों में क्या है स्थिति

-954 किसानों ने कराया है रजिस्ट्रेशन

-4418.10 हेक्टेयर में हुई है खेती

-881 रैयत वाले हैं किसान

-4145.88 हेक्टेयर रैयत वाले किसान की है

-73 गैर रैयत किसान है

-272.22 हेक्टर गैर रैयत किसान की है

-81 क्रय केंद्र समितियों ने शुरू की है

-05 क्रय केंद्र एफ सी आई ने शुरू की है

-11 क्विंटल की खरीदारी पहले दिन हुई

-01 किसान ने बेची गेहूं

क्या कहते हैं अधिकारी

सहकारिता विभाग लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. 954 किसानों ने रजिस्ट्रेशन भी कर लिया है. पहले दिन 1.1 मेट्रिक टन भी खरीदारी भी हो चुकी है. 10 से 15 दिनों में स्थिति संतोषजनक होगी. सुधीर कुमार सिंह, डीसीओ, सारण

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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