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saran news. कुओं की उड़ाही व तालाबों की सफाई नहीं होने से लगातार गिर रहा जलस्तर

शहर के सलेमपुर, दहियावां, तेलपा, गुदरी, भगवान बाजार आदि इलाकों में कई पुराने कुएं हैं, जिनका एक दशक से मेंटेनेंस नहीं किया गया है, कुछ प्रमुख तालाब भी अब बदहाली के कगार पर हैं

छपरा. गर्मी के साथ तापमान लगातार बढ़ रहा है. सुबह सात बजे से ही कड़ी धूप निकल जा रही है. गर्मी बढ़ते ही कई इलाकों में जल स्तर भी प्रभावित हुआ है. ऐसे में पेयजल की किल्लत शुरू हो गयी है. पुराने कुओं की उड़ाही नहीं होने तथा तालाबों की साफ-सफाई में अनियमितता के कारण कई इलाकों में पानी का लेयर काफी नीचे चला गया है. शहर के सलेमपुर, दहियावां, तेलपा, गुदरी, भगवान बाजार आदि इलाकों में कई ऐसे पुराने कुएं हैं, जिनका एक दशक से मेंटेनेंस नहीं किया गया. वहीं, कुछ प्रमुख तालाब भी अब बदहाली के कगार पर हैं. जलस्रोंतों की उड़ाही नहीं होने से बरसात के समय इनमें जल संचय भी नहीं हो पाता है. यही कारण है कि शहर का जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है.

120 फुट की गहरायी से भी आसानी से नहीं आ रहा पानी

एक दशक से शहर में पेयजल के लिए लोग तेजी से बोरिंग करा रहे हैं. कई इलाकों में अब भी नगर निगम की ओर से नल जल योजना से पानी की सप्लाइ शुरू नहीं की गयी है. वहीं, जिन इलाकों में सप्लाइ है, वहां भी काफी अनियमितता है. यही कारण है कि लोग हजारों रुपये खर्च कर अब तक बोरिंग करात रहे हैं. लेकिन 100 से 120 फुट बोरिंग कराने पर भी अब पानी नहीं निकल रहा है. ऐसी स्थिति में लोगों को अधिक खर्च कर 200 से 250 फुट तक गहरा बोरिंग कराना पड़ रहा है, जिससे लोगों के बजट पर असर पड़ रहा है. वहीं, जो लोग बोरिंग कराने में सक्षम नहीं है, वह चापाकल पर ही निर्भर हैं.

चापाकल से आसानी से नहीं निकल रहा पानी

जल स्तर के कम होने का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि हाल ही में जिला प्रशासन ने पीएचइडी को शहर व गांव के सभी खराब पड़े चापाकल को मेंटेन करने का निर्देश दिया गया. शहरी इलाके में कुछ जगहों पर खराब पड़े चापाकल को ठीक भी किया गया, लेकिन दो-चार दिन बाद ही वह सूख गये. इसमें से पानी लेने के लिए पहले लोगों को ऊपर से चार पांच बाल्टी पानी डालना पड़ता है, तब जाकर पानी का लेयर पकड़ता है.

मई महीने से ही कई इलाकों में पानी की किल्लत शुरू हो गयी थी. लोग अब पानी खरीद कर पीने को मजबूर हैं. बीते एक दशक में शहर में तेजी से घरों तक पानी सप्लाइ करने वाले एजेंसियों की संख्या बढ़ी है. 30 से 40 रुपये प्रति जार खर्च कर लोग एक दिन का पानी पीने के लिए मंगा रहे हैं. शहर के लगभग सभी कार्यालयों में भी इन्हीं एजेंसी द्वारा पानी सप्लाइ की जा रही है. अनुमान के मुताबिक रोजाना करीब 15 से 20 लाख का पेयजल इन एजेंसियों द्वारा सप्लाइ किया जा रहा है.

24 जगहों पर नगर निगम ने लगाया प्याऊ

मुहल्लों व बाजारों में पेयजल की किल्लत न हो इसके लिए नगर निगम ने भी तैयारी शुरू कर दी हैं. शहर में 24 जगहों को चिह्नित कर वहां प्याऊ बनाया गया है. जिन जगहों पर नल का खराब हो गये थे, उन्हें बदला जा रहा है. नगर निगम में जलापूर्ति की समस्या से जुड़े प्रतिदिन 20 से अधिक आवेदन आ रहे हैं, जिसका अविलंब निबटारा करने के लिए एक टीम भी बनायी गयी है.

गैस पाइपलाइन बिछाने में कटा जल जल का पाइप, अब तक ठीक नहीं

शहर के दहियांवा, रतनपुरा, दौलतगंज, अजायबगंज सरकारी बाजार, रावल टोला, तेलपा, गांधी चौक आदि इलाकों में 10 से अधिक ऐसे कुएं हैं, जो लगभग सूख गये हैं. उनकी उड़ाही जरूरी है, ताकि जलस्तर मेंटेन रहे. वहीं, शहर के गुदरी राय के चौक, कटरा आदि इलाकों में गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए सड़क के नीचे गड्ढा किया गया था. जिस कारण यहां पेयजल आपूर्ति का कनेक्शन कट गया है, जिसे फिर से चालू करने के लिए लोगों ने कुछ माह पहले आवेदन दिया था, लेकिन अब तक मेंटेनेंस नहीं हुआ है. इसे भी ठीक करना जरूरी है.

अभी जल स्तर ठीक

जिन इलाकों में नल जल से आपूर्ति होती है, वहां नियमित सप्लाइ का निर्देश दिया गया है. वहीं, जहां पाइपलाइन डिस्टर्ब है, उसे भी दुरुस्त कराया जा रहा है. अभी शहर का जलस्तर ठीक है. संबंधित विभाग से समन्वय बनाकर चापाकलों का मेंटेनेंस भी पूर्व में कराया गया है. शहर में कई जगह प्याऊ भी लगाया गया है.

लक्ष्मी नारायण गुप्ता

, मेयर, छपरा नगर निगम

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