छपरा. गुरुवार को सारण जिले में मौसम ने एकाएक करवट ली और दोपहर लगभग 3:00 बजे तेज आंधी-तूफान के साथ झमाझम बारिश शुरू हो गयी. हालांकि इस बारिश से मौसम तो सुहाना हो गया, लेकिन इसका सबसे बुरा असर किसानों की फसलों पर पड़ा. गेहूं की तैयार फसल भारी बारिश से बर्बाद हो गयी, जिससे किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गयी. सैकड़ों हेक्टेयर में तैयार गेहूं की फसल अब बारिश में भीगकर पूरी तरह से नष्ट हो गयी है. वहीं दूसरी तरफ बारिश के कारण जिला मुख्यालय में कई जगहों पर हुए जलजमाव से नगर निगम की कार्यशैली की पोल खुल गयी है.
गेहूं काटने और थ्रेसिंग में लगे थे किसान
पिछले 10 दिनों से गेहूं की कटाई में लगे किसान गुरुवार को अचानक बारिश के कारण अपनी फसल को बचाने के लिए तिरपाल से ढकने लगे, लेकिन बारिश के आगे उनकी एक न चली. कुछ ही मिनटों में खेतों में खड़ी गेहूं पूरी तरह भीग गयी. इस साल सारण जिले में 1,13,000 मैट्रिक टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था, जिसे इस बारिश ने बड़ा झटका दिया है. वही जो गेहूं खेतों में खड़ी थी, वह तो बर्बाद हुई ही, साथ ही खलिहान में रखे गेहूं के बोझे भी बारिश की वजह से खराब हो गये. पहले ही कम ठंड की वजह से दानों का बेहतर विकास नहीं हो पाया था और अब मौसम की बेरुखी ने किसान की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. किसानों ने बताया कि सैकड़ों क्विंटल गेहूं की फसल बर्बाद हो गयी.क्रॉप कटिंग के माध्यम से फसल आकलन की हो रही थी तैयारी
कृषि विभाग और सारण के बड़े अधिकारियों के अनुसार, क्रॉप कटिंग के माध्यम से गेहूं की फसल का आकलन किया जाना था. लेकिन अचानक आई इस बारिश ने इस आकलन को प्रभावित किया. अब विभाग इस नुकसान का आकलन करने में जुटा हुआ है कि बारिश ने कितने करोड़ रुपये की गेहूं की फसल को बर्बाद किया.मक्के की फसल को हुआ फायदा
जहां एक ओर गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ, वहीं मक्के की फसल को इस बारिश से कुछ लाभ हुआ. अत्यधिक तापमान के कारण मक्के के पौधे सूखने के कगार पर थे, लेकिन बारिश ने उन्हें राहत दी. किसानों ने बताया कि पटवन के बावजूद खेतों से नमी गायब हो रही थी और अब मक्का, आम, लीची और मूंग की फसल को इस बारिश से कुछ फायदा हुआ है.किसानों के लिए है बड़ा झटका
यह किसानों के लिए एक बड़ा झटका है. हालांकि, इतनी बारिश नहीं हुई है कि फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाये. किसान अब अपनी फसल को सूखाने का प्रयास करेंगे, लेकिन फिर भी इस नुकसान का आकलन किया जायेगा. किसानों की मेहनत और लक्ष्य पर इसका असर जरूर पड़ा है.एसबी सिंह, जिला कृषिपदाधिकारी, सारण
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