छपरा. बिहार त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बहिष्कार की चेतावनी दे दी है. बिहार के त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि संघों बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ ग्राम कचहरी प्रतिनिधि संघों के आह्वान पर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इन संगठनों का कहना है कि पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकारों की अनदेखी और हकमारी लगातार की जा रही है. जिला परिषद अध्यक्ष कार्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए बिहार मुखिया महासंघ के जिला प्रदेश अध्यक्ष मिथिलेश कुमार राय ने कहा कि सरकार से 73वें संविधान संशोधन के तहत मिले अधिकारों और 11वीं अनुसूची में दर्ज 29 विषयों पर पंचायतों की जो मांग है उसको पूरा किया जाए.मुखिया संघ ने स्पष्ट किया है कि अगर सरकार ने शीघ्र निर्णय नहीं लिया तो वे चरणबद्ध आंदोलन करेंगे. 15 अप्रैल को पूरे जिले के सभी प्रखंड मुख्यालयों पर एकजुट होकर पंचायत प्रतिनिधि प्रदर्शन करेंगे. इसके बाद 17 अप्रैल को सभी संघों के सदस्य पटना में एकत्र होकर बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे और सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जताएंगे. वहीं उन्होंने कहा कि 24 अप्रैल को इस दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मधुबनी जिले में एक विशेष कार्यक्रम में शामिल होंगे. पंचायत प्रतिनिधियों ने घोषणा की है कि यदि तब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वे इस कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे.राज्य भर के सभी पंचायत प्रतिनिधि काली पट्टी बांधकर लोकतांत्रिक तरीक़े से समानांतर सभा कर विरोध प्रदर्शन करेंगे. जिससे प्रधानमंत्री को यह संदेश जाए कि पंचायतों को उनका अधिकार बिहार में नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा की स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव के मतदाता से वंचित पंच सरपंच को वोटर बनाए तथा सभी ग्यारह सूत्री माँगों को पूरा सरकार .सभी संघ के प्रदेश नेताओं ने इस आंदोलन का समर्थन किया है. सभी ने बताया की पंचायत समिति उप प्रमुख प्रमुख संघ अध्यक्ष रश्मि कुमारी पंचायत वार्ड सदस्य संघ गणेश चौधरी आदि का इस आंदोलन का समर्थन है. संवाददाता सम्मेलन में मुख्य रूप कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश राय गुलामे गौस मुखिया अमरनाथ राय जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि जिला पार्षद सुमन कुमार बच्चा राय दीनदयाल प्रसाद सहित अन्य थे .
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