सोनपुर. हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला 2025 का सरकारी उद्घाटन नौ नवंबर से होने जा रहा है. हालांकि, तैयारियों की धीमी गति और प्रशासनिक लापरवाही ने श्रद्धालुओं की परेशानी बढ़ा दी है. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मेला क्षेत्र में पांच लाख से अधिक श्रद्धालु गंगा और गंडक में स्नान कर बाबा हरिहरनाथ पर जलाभिषेक करने पहुंचे. श्रद्धालु विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर वापस लौट गये. लेकिन मेला क्षेत्र में प्रतिदिन हजारों लोगों का आगमन और जाने की प्रक्रिया लगी रहती है. जगह-जगह गंदगी के ढेर पड़े हैं, सड़कों की सफाई और पानी का छिड़काव अभी तक नहीं हुआ है.
मेला क्षेत्र में बुनियादी व्यवस्थाओं की कमी
मेला को सजाने और सवारने की तैयारियों में जिम्मेदार अधिकारियों के दावे फेल होते दिख रहे हैं. स्नान करने आये श्रद्धालुओं को गंदगी से गुजरना पड़ा, वहीं आने वाले श्रद्धालु भी इसी समस्या का सामना करेंगे. नगर परिषद के सफाई कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है, लेकिन मेला परिसर में कई स्थानों पर अभी भी गंदगी के ढेर हैं. दुकानों के लिए जगह तैयार नहीं हुई, पानी की व्यवस्था अधूरी है. ठेकेदार द्वारा सफाई नहीं करवाए जाने तक टेंट नहीं लगाये जा सकते. अस्थायी शौचालयों की संख्या और स्थिति पर्याप्त नहीं है.श्रद्धालु और स्थानीय लोग परेशान
भीड़ से बचने के लिए श्रद्धालु पहले ही मेला पहुंच रहे हैं, लेकिन शौचालय और पानी की कमी से परेशान हैं. ज्यादातर नल बंद हैं और चल रहे नलों के पास गंदगी का अंबार लगा हुआ है. पूर्व वार्ड पार्षद दिनेश सहनी ने बताया कि स्नान के दिन श्रद्धालुओं को शौचालय और पानी की कमी के कारण कठिनाई हुई. स्थानीय लोग अपनी ओर से पानी की व्यवस्था करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन यह पर्याप्त नहीं था. इस बार पुलिस प्रशासन की पर्याप्त व्यवस्था न होने के बावजूद लाखों श्रद्धालु मेला आए और सुरक्षित ढंग से पूजा-अर्चना कर वापस लौट गये. हालांकि वीआइपी लोगों के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है, वहीं आम लोगों को मेला क्षेत्र में ड्रॉप गेट और दूरस्थ वाहन रोकने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

