छपरा.
गर्भवती महिलाओं की सेहत और उनके गर्भस्थ शिशु की सुरक्षा के लिए समय पर एचआईवी और सिफलिस जांच कराना बेहद आवश्यक है. यह अपील सारण के सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने की है. उन्होंने कहा कि ये दोनों संक्रमण शुरुआती अवस्था में बिना लक्षण के भी हो सकते हैं और अगर समय रहते इनका पता नहीं चला तो संक्रमण मां से शिशु में स्थानांतरित होकर गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं या नवजात की मृत्यु तक का कारण बन सकता है.डॉ. सिन्हा ने कहा की गर्भवती महिलाओं को एचआईवी और सिफलिस की जांच अवश्य करानी चाहिये ताकि यदि संक्रमण हो तो समय रहते इलाज शुरू हो सके और संतान सुरक्षित रह सके. यह जांच राज्य सरकार द्वारा सभी सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है. उन्होंने कहा कि कोई भी महिला डर या झिझक न रखें और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर ये जांच अवश्य करवाये. स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के माध्यम से गांव-गांव में इस संबंध में जागरूकता फैलाई जा रही है. विवाह से पूर्व युवक और युवती दोनों को एचआईवी की जांच जरूर करवा लेनी चाहिये. यदि दोनों की रिपोर्ट नेगेटिव आती है, तो विवाह सुरक्षित है. लेकिन यदि किसी एक की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो सुरक्षा और भावी संतान की दृष्टि से विवाह नहीं करना चाहिये.
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