छपरा. यदि आप जमीन के मालिक यानी रैयत हैं तो अब समय आ गया है कि आप अपनी जमीन की मापी करवा लें. जमीन सर्वेक्षण अभियान के तहत कागजात जमा करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब किश्तवार की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. अमीनों की टीमें गांवों की ओर रवाना हो चुकी हैं और जिले के 295 मौजा में एक साथ काम शुरू हो गया है.
क्या है किश्तवार प्रक्रिया
‘किश्तवार’ वह प्रक्रिया है जिसमें नक्शा तैयार करने के लिए जमीन की प्लॉटिंग और नंबरिंग की जाती है. इसी के आधार पर जमीन मालिक अपनी जमीन की पुख्ता पहचान कर सकता है. इस बार खास बात यह है कि यदि एक ही रैयत की जमीन के कई टुकड़े हैं, तो उन्हें एक ही खाता नंबर में सम्मिलित किया जा रहा है. उदाहरण के तौर पर यदि किसी रैयत की जमीन के 10 टुकड़े हैं, तो सभी एक ही खाता में एक ही नाम से दर्ज किये जायेंगे. इससे भूमि स्वामित्व की पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित होगी.किश्तवार के बाद बनेगी ””याददाश्त पंजी””
किश्तवाड़ प्रक्रिया पूरी होने के बाद ‘याददाश्त पंजी’ तैयार की जायेगी, जिसमें भूमि स्वामी की पूरी जानकारी होगी. इसमें जमीन के प्रकार, क्षेत्रफल, खेसरा संख्या, खाता संख्या आदि का विस्तृत ब्यौरा शामिल होगा. इस याददाश्त पंजी को औपबंधिक रूप में जारी किया जायेगा और इसमें अगर कोई त्रुटि या विवाद हो तो दावा-आपत्ति दर्ज करने की प्रक्रिया भी रखी गयी है, ताकि अंतिम रिकॉर्ड में पूर्ण पारदर्शिता बनी रहे.1513 गांवों की खतियान प्रविष्टि पूरी
सारण जिले के कुल 1605 गांवों में से 1513 गांवों की खतियान (प्रपत्र-5) प्रविष्टि पूरी हो चुकी है. शेष 24 गांवों की खतियान पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है, जिनके रिकॉर्ड को सरकार अन्य स्रोतों से पुनः संकलित करने का प्रयास कर रही है. अब तक 9,20,144 जमीन मालिकों ने अपने कागजात बंदोबस्त कार्यालय में जमा किये हैं, जो कि कुल रैयतों का 50% से अधिक है. विभाग की ओर से अपील की जा रही है कि जिन रैयतों ने अब तक कागजात नहीं जमा किये हैं, वे जहां अमीन द्वारा मापी का कार्य चल रहा है, वहां जाकर अपने दस्तावेज अमीन को सौंपें, ताकि मापी में उनकी जमीन की सही जानकारी अंकित हो सके. बंदोबस्त कार्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सारण जिले में कुल खेसरा यानी जमीन प्लॉट की संख्या 22 लाख 6872 है. जबकि जमीन मालिकों की संख्या 16293006 है. जबकि मौजा कुल 295 है.चल रहा है किश्तवार का काम
चल रहा है. जमीन मालिक अपने-अपने जमीन से संबंधित कागजात को लेकर अमीन के पास जाएं और उसकी एक फोटो कॉपी उन्हें उपलब्ध करा दें और अपनी उपस्थिति में जमीन की मापी करवा ले. ताकि किश्तवाड़ और खानापूर्ति का काम जल्द से जल्द पूरा हो सके. जमीन की मापी के समय चौहद्दी सही-सही जरूर लिखवाये.इंद्रासन साह, प्रभारी पदाधिकारी बंदोबस्त, सारण
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