दिघवारा. अब सरकारी स्कूलों के छात्र सिर्फ किताबों में ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक जीवन में भी योग और खेलों को अपनायेंगे. बिहार शिक्षा विभाग ने इस साल कक्षा छह के विद्यार्थियों के लिए एक नयी पुस्तक खेल यात्रा को पाठ्यक्रम में शामिल किया है. इस पुस्तक का उद्देश्य विद्यार्थियों को शारीरिक शिक्षा और आरोग्य के महत्व से परिचित कराना है. खेल यात्रा पुस्तक की शुरुआत परंपरागत खेलों और गतिविधियों से होती है. इसमें बर्फ-पानी, सात कांकर, एरोबिक व्यायाम, अनुकरण जैसे खेलों के साथ-साथ गामक क्षमता बढ़ाने वाले अभ्यास जैसे बाधा दौड़, संतुलन क्रिया और ड्रिबल रिले जैसे कौशल शामिल हैं. विद्यार्थी खो-खो और हैंडबॉल के तकनीकी पहलुओं को भी पढ़ेंगे, जिससे खेलों की समझ गहरी होगी. पुस्तक की खास बात यह है कि इसमें विद्यार्थियों को योग और ध्यान की भी शिक्षा दी जायेगी. इसमें सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, पद्मासन, भुजंगासन, शलभासन, दंडासन और प्राणायाम जैसी मुद्राओं के अभ्यास, लाभ और करने की विधियों को सरल भाषा में समझाया गया है. साथ ही महर्षि पतंजलि के योगदान और योग की उत्पत्ति से भी बच्चों को अवगत कराया जायेगा. फिजिकल टीचर हृदयानंद ने इसे शिक्षा विभाग की दूरदर्शी पहल बताया. शिक्षकों का मानना है कि इस पुस्तक से बच्चों का खेल और स्वास्थ्य ज्ञान बढ़ेगा और वे स्वस्थ जीवनशैली की ओर अग्रसर होंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है