छपरा. जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है. फाइलेरिया के मरीजों को दिव्यांगता प्रमाण-पत्र का लाभ दिलाने के लिए कैंप लगाकर ग्रेडिंग की जा रही है. इसी कड़ी में सारण जिले के रिविलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नये चिह्नित फाइलेरिया मरीजों की ग्रेडिंग प्रक्रिया की गयी. इस अवसर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राकेश कुमार गुप्ता ने मरीजों की जांच कर उन्हें विकलांग प्रमाणपत्र निर्गत की दिशा में आवश्यक कार्यवाही की. डॉ गुप्ता ने मरीजों को स्वास्थ्य संबंधी जरूरी परामर्श और सावधानियों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि समय पर इलाज और देखभाल से फाइलेरिया मरीज अपने जीवन स्तर को बेहतर बना सकते हैं. डॉ राकेश ने कहा कि फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति को शारीरिक रूप से कमजोर बना देती है. लेकिन यदि समय पर सही देखभाल और इलाज मिले तो मरीज सामान्य जीवन जी सकता है. फाइलेरिया मरीजों की सुविधा के लिए पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफार्म और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से अब तक 142 एमएमडीपी किट चिह्नित मरीजों को उपलब्ध करायी गयी है. इन किटों में मरीजों की नियमित देखभाल के लिए आवश्यक सामान उपलब्ध होता है. इस किट में पैर धोने के लिये साबुन, तौलिया, तेल, पट्टी, एंटीसेप्टिक और अन्य सामग्री दी जाती है. ताकि मरीज संक्रमण और विकलांगता की गंभीर स्थिति से बच सकें. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इन किटों का नियमित उपयोग मरीजों की पीड़ा कम करने और जीवन की गुणवत्ता सुधारने में कारगर है.अब तक 22 मरीजों ने किया आवेदन रिविलगंज प्रखंड में आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्तर पर गठित पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफार्म के सदस्य फाइलेरिया के मरीजों और स्वास्थ्य विभाग के बीच सेतु की भूमिका निवर्हन कर रहें है.
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