छपरा. गर्मी के दिनों में तेज धूप, लू और अगलगी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारी शुरू कर दी है. जिलाधिकारी अमन समीर ने प्रेस वार्ता कर आग और लू से बचाव के उपाय, राहत व मुआवजा योजनाओं और लोगों की जागरूकता की जरूरत पर जोर दिया. डीएम ने बताया कि खुले में खाना बनाना, ज्वलनशील वस्तुओं को असुरक्षित स्थान पर रखना, या लापरवाही से बीड़ी-सिगरेट फेंकना आगजनी का कारण बन सकता है. उन्होंने खासकर गांवों और खेतों में घास-फूस जमा नहीं करने और तंबू-कनात में बिजली तारों को सावधानी से उपयोग में लाने की अपील की.
लू से बचने के लिए सुझाव
-दोपहर के समय बाहर निकलने से बचें-भरपूर पानी पिएं
-ओआरएस या नमक-चीनी मिलाया पानी पीना फायदेमंद-लू लगने पर सिर दर्द, चक्कर, उल्टी जैसे लक्षणों को न करें नजरअंदाज-ठंडी जगह पर ले जाएं, ठंडा पानी डालें और तुरंत इलाज कराएं
नुकसान पर क्या है अनुदान
डीएम ने बताया कि विभाग के द्वारा झोपड़ी क्षतग्रिस्त होने पर 8000 रुपये और पशुशेड के नुकसान पर 3000 रुपये दिये जायेगे. आंशिक रूप से क्षतग्रिस्त कच्चे मकान पर 4000 रुपये तथा पक्के मकान पर 6500 रुपये का प्रावधान है, जबकि पूरी तरह क्षतग्रिस्त पक्के मकान के लिए 1,20,000 रुपये मुआवजा दिया जायेगा. घरों में आग लगने की स्थिति में नगद सहायता 7000 रुपये, बर्तनों के लिए 2500 रुपये और वस्त्रों के लिए 2500 रुपये की राशि नर्धिारित की गई है. पशुधन की हानि होने पर भी सरकार सहायता प्रदान करेगी. गाय या भैंस के मरने पर 37,500 रुपये, बकरी या भेड़ के लिए 4000 रुपये, बैल या घोड़े के लिए 32,000 रुपये और बछड़ा या गधे के नुकसान पर 20,000 रुपये का मुआवजा मिलेगा. फसल क्षति पर प्रति हेक्टेयर 17,000 रुपये दिए जायेगे. मुर्गियों की मौत पर 100 रुपये प्रति मुर्गी की दर से अधिकतम 10,000 रुपये तक सहायता दी जायेगी. आपदा में मृत्यु होने पर चार लाख रुपये का प्रावधान है.
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