छपरा. बढ़ती गर्मी के साथ ही चमकी बुखार की संभावना बढ़ जाती है. यह एक गंभीर बीमारी है जो ससमय इलाज से ठीक हो सकता है. अत्यधिक गर्मी एवं नमी के मौसम में यह बीमारी फैलती है. एक से 15 वर्ष तक के बच्चे इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित होते हैं.इस बीमारी के लक्षण में सरदर्द, तेजबुख़ार, अर्धचेतना पहचानने की क्षमता न होना, बेहोशी, शरीर में चमकी होना अथवा हाथ पैर में थरथराहट होना एवं पूरे शरीर में या किसी खास अंग में लकवा मार जाना हैं.पर्याप्त जानकारी एवं जागरूकता से चमकी बुखार को हराया जा सकता है. जिलाधिकारी अमन समीर ने स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर इसकी समीक्षा की.बताया गया कि विगत वर्ष 2024 में सारण जिला में चमकी के 6 मामले दर्ज किए गये थे.चमकी को पर्याप्त जानकारी एवं जागरूकता के आधार पर मात दी जा सकती है. चमकी को तीन धमकियों के माध्यम से हराया जा सकता है.बच्चे को रात में सोने से पहले भरपेट खाना जरूर खिलायें। यदि संभव हो तो कुछ मीठा खिलायें. रात के बीच में एवं सुबह में उठते ही देखें कि कहीं बच्चा बेहोश या उसे चमकी तो नहीं हैं.बेहोशी या चमकी दिखते ही आशा को सूचित कर तुरंत निःशुल्क 102 एम्बुलेंस या उपलब्ध वाहन से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जायें.बैठक में सिविल सर्जन, अन्य जिला स्तरीय चिकित्सा पदाधिकारी, सभी प्रखण्डों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक आदि उपस्थित थे.
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